
मौजूदा समय में लोग बड़े पैमाने पर होम गार्डनिंग और किचन गार्डनिंग करने लगे हैं. ऐसे में अगर आप भी गार्डनिंग करते हैं तो आप ये भी बखूबी जानते होंगे कि इसके दौरान उसकी देखभाल बहुत जरूरी होती है, खासतौर पर ठंड दौरान, क्योंकि इसका सीधा असर आपकी सेहत पर भी पड़ सकता है.

यदि आप भी अपने किचन गार्डन में लगी सब्जियों को हरा भरा रखकर अच्छा उत्पादन हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. सर्दियों के मौसम में तो फसलों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है. इस मौसम में कई बार पौधे सुख जाते हैं, उनका विकास रुक जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं किन बातों का रखें ध्यान.

जल निकासी की व्यवस्था: कुछ लोगों को लगता है कि अधिक पानी देने से पौधे जल्दी बढ़ते हैं जो कि बिल्कुल गलत है. 'अति सर्वत्र वर्जते' कहने का मतलब है कि जरूरत से ज्यादा पानी देने से भी पौधों की जड़ सड़न, रोग या फंगस का खतरा होता है. गार्डन में किसी तरह का पानी जमा ना हो इसके लिए नालियां बनाएं.

प्रकाश की व्यवस्था करें: पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी और पानी के साथ प्रकाश की बहुत जरूरत होती है. हम सबने बचपन में भी पढ़ा था कि प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के जरिए पौधे अपना भोजन खुद बनाते हैं. सर्दी के दिनों में धूप थोड़ी कम होती है, इसलिए आप गार्डन में पौधे लगाएं या गमले में दिनभर की धूप आने का रास्ता जरूर बनाएं.

पुरानी मिट्टी का करें बदलाव: अगर गमले की मिट्टी दो साल से अधिक पुरानी है तो इसे फौरन बदल कर नई, सूखी और भुरभुरी मिट्टी के साथ बदल दीजिए. गार्डन में पौधे लगा रखे हैं तो खुरपी की मदद से मिट्टी को कुरेद दीजिए. इससे एयरेशन को बढ़ावा मिलेगा और पौधों की ग्रोथ बढ़ जाएगी. पुरानी मिट्टी में लगातार पानी या नमी होने से फंगस का खतरा बढ़ जाता है.

सही खाद का प्रयोग करें: पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए खाद एक बेसिक जरूरत होती है. गार्डनिंग के दौरान हर 30-45 दिनों में उचित मात्रा में वर्मी कंपोस्ट दें, छोटे पौधों में छोटे चम्मच से 2 चम्मच खाद भी पर्याप्त है. जब पौधे अंकुरित होने के स्टेज पर हों तो नारियल के छिलकों से बनी कोकोपीट दें. इसके अलावा किचन वेस्ट से बनी खाद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

कटाई-छंटाई जरूर करें: पौधों में नई कोपल या पंखुड़ियां लाने के लिए सूखे पत्तों या टहनियों की कटाई-छंटाई करके उन्हें अलग कर दें. पौधों के साथ अगर कोई अनावश्यक घास या खरपतवार उग आए हैं तो उन्हें फौरन हटाकर अलग करें. पौधों की प्रूनिंग के लिए कटर का इस्तेमाल करें और टहनियों को तिरछा काटें. इससे नई कोपल आसानी से फूटेंगी.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today