पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में पिछले तीन-चार दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश और जलाशयों से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. किसानों में भारी परेशानी देखी जा रही है.
चंदौली जिले की कई सड़कों, खेतों और खलिहानों में पानी भर गया है, जिससे हजारों एकड़ धान की फसल डूब गई है. इसके साथ ही कई कच्चे मकान भी पानी में डूबकर धराशाई हो गए हैं.
चंदौली जिले के ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल निकासी नहीं हुई तो फसल और नुकसान और बढ़ सकता है. अभी धान का सीजन चल रहा है, इसलिए किसानों में चिंता अधिक देखी जा रही है.
चंदौली के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर से चकिया जाने वाली स्टेट हाईवे शिवनाथपुर के पास लगभग डेढ़ से दो फीट तक पानी भर गया है, जहां लोग जोखिम लेकर सड़क पार कर रहे हैं. पेयजल की भी गंभीर समस्या हो गई है.
मिर्जापुर के जलाशयों में पानी की अधिकता के कारण जलाशयों का पानी छोड़ा गया, जो पहाड़ी नदियों के रास्ते चंदौली के ग्रामीण इलाकों तक पहुंचा और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न की.
नियमताबाद ब्लॉक के चंदाईत गांव में बाढ़ के पानी से पंचायत भवन, प्राइमरी स्कूल और कई कच्चे मकान जलमग्न हो गए हैं. गोपाल मौर्य के कच्चे मकान की बारिश और पानी की वजह से दीवारें गिर गईं, हालांकि परिवार सुरक्षित रहा. उनके पशु गंभीर रूप से घायल हुए.
चंदाईत गांव के कई अन्य घर भी गिर गए हैं, जिससे स्थानीय लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. कच्चे मकान गिरने से लोगों का आसरा छिन गया है. कई मकान ऐसे हैं जिनके आसपास पानी भरने से गिरने का खतरा मंडरा रहा है.
स्थानीय निवासियों ने बताया कि लगातार बारिश और जलाशयों से पानी छोड़ने के कारण गांव की स्थिति गंभीर हो गई है. स्कूल में पानी भरने से बच्चों के पढ़ाई में भी बाधा उत्पन्न हो रही है. यहां तक कि लोगों को गांव से बाहर जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.
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