पंजाब की अनाज मंडियों में अपनी मांगों को लेकर आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं. जबकि 1800 से ज्यादा अनाज मंडियों में किसानों का धान आना शुरू हो चुका है. इससे पहले मजदूरों की हड़ताल थी. रोज-रोज की हड़ताल से परेशान होकर मुख्यमंत्री के होम डिस्ट्रिक्ट की अनाज मंडी संगरूर से अब किसान धान को अपनी ट्राली में भरकर हरियाणा ले जाने को मजबूर हैं.
किसानों का कहना हैं कि चाहे आढ़ती हों या मजदूर, अगर किसी को भी हड़ताल करनी है तो उन्हें अपनी मांगों की याद पहले क्यों नहीं आती. जब किसान अपनी फसल मंडी में लेकर आता है तभी सभी लोग काम बंद कर देते हैं. जिससे नुकसान सिर्फ किसान का होता है.
किसानों ने कहा कि हड़ताल से उनकी फसल खराब होती है. वजन कम हो जाता है. किसानों ने आगे कहा हमें तो लगा था कि यह मुख्यमंत्री के होम डिस्ट्रिक्ट की अनाज मंडी है जहां पर कोई परेशानी नहीं आएगी, लेकिन अब हम इतने परेशान हो गए हैं कि अपनी फसल उठाकर हरियाणा ले जानी पड़ रही है.
संगरूर के किला भरिया गांव के किसान सुखदेव सिंह अपनी दो एकड़ धान की फसल को मंडी में लेकर आए. लेकिन मंडी में आढ़ती हड़ताल पर हैं. फसल की खरीद नहीं हो रही है. सिंह ने बताया कि हम किसान परेशान हैं. हमारी फसल का मंडी में वजन कम हो रहा है. खरीद नहीं हो रही है.
किसानों ने कहा कि हमारी हरियाणा में बात हो चुकी है. वहां के व्यापारियों ने कहा है कि अपनी फसल लेकर आ जाओ और कुछ ही घंटे में पैसे लेकर चले जाओ. किसान इंसान सिंह ने कहा कि जो आढ़ती अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं उन्हें अपनी मांगों लेकर केंद्र सरकार के साथ 2 महीने पहले बैठकर मामला खत्म कर लेना चाहिए.
किसानों ने कहा कि जब नई फसल आती है तब आढतियों को हड़ताल क्यों याद आती है. उधर, पंजाब के फूड सप्लाई मंत्री लालचंद कटारुचक ने दावा किया कि पंजाब की तकरीबन सभी 1800 से ज्यादा अनाज मंडियों में धान की खरीद हो रही है. अगर किसी की भी कोई मांग है उसको बैठकर सुना जा रहा है. अभी तक पंजाब में 12 लाख मीट्रिक टन के करीब धान मंडी में आ चुका है. हम हर रोज अलग-अलग अनाज मंडियों में जाकर ज्यादा खरीद रहे हैं. किसानों और आम लोगों की मुश्किलों को सुन रहे हैं. किसी भी किसान को कोई परेशानी नहीं होगी.
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