अंगूर के उत्पादन में महाराष्ट्र देश का अग्रणी राज्य है. राज्य में बड़ी मात्रा में अंगूर का उत्पादन होता है. राज्य से बड़े पैमाने पर अंगूर दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाता है. हालांकि, फिलहाल इसके निर्यात पर ब्रेक लगा हुआ है. इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का असर अंगूर निर्यात पर पड़ा है. महाराष्ट्र से अंगूर का निर्यात ठप है. गाजा के पास जहाजों पर हमलों के कारण स्वेज नहर और लाल सागर से यातायात बंद है. इसके चलते शिपिंग कंपनियों ने भारत से यूरोपीय देशों को अंगूर का निर्यात रोक दिया है.
स्वेज़ नहर के माध्यम से 7,200 किलोमीटर की दूरी तय करने में 21 दिन लगते हैं. लेकिन, अगर आप न्यू केप ऑफ गुड होप से गुजरेंगे तो यही दूरी 19 हजार 800 किमी होगी और इसमें कम से कम 34 से 38 दिन लगेंगे. इससे बेशक बड़े पैमाने पर आर्थिक असर पड़ेगा और अंगूर भी खराब होने का डर है.
कुल मिलाकर अंगूर निर्यातक इस समय चिंतित हैं क्योंकि अंगूर के निर्यात का सीजन शुरू होने से ठीक पहले यह स्थिति पैदा हुई है. ऐसे में अंगूर की खेती करने वाले किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है
इस बीच किसानों ने उम्मीद जताई है कि सरकार तत्काल कोई कदम उठाए और सामान्य स्थिति बहाल करे. क्योंकि अगर सरकार ने इसका कोई रास्ता नहीं निकाला तो अंगूर उत्पादक किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है. किसानों को डर है कि अंगूर खराब हो जायेंगे.
पिछले ढाई महीने से इजराइल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है. युद्ध में हजारों निर्दोष नागरिक मारे गये हैं. 7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने इजराइल पर हजारों मिसाइलें दागकर इस युद्ध की शुरुआत की थी. उसके बाद हमास को ख़त्म करने के लिए इसराइल भी युद्ध में उतर गया.
ढाई महीने बाद भी युद्ध जारी है. इजराइल हमास को निशाना बनाने के लिए गाजा पट्टी पर लगातार हमले कर रहा है. गाजा के नागरिकों की हालत बेहद खराब हो गई है. इस युद्ध का असर भारत के कृषि पर पड़ रहा हैं. महाराष्ट्र से अंगूर का एक्सपोर्ट पूरी तरह बंद होने से किसान परेशान हैं.
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