बंगाल ने झारखंड और ओडिशा के लिए आलू की खेप रोकी, संसद तक जा सकता है मामला

बंगाल ने झारखंड और ओडिशा के लिए आलू की खेप रोकी, संसद तक जा सकता है मामला

ओडिशा के एक मंत्री ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश से आलू से लदे 300 ट्रक सोमवार को ओडिशा पहुंचने के बाद आलू की कीमतें जल्द ही स्थिर हो जाएंगी. ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री केसी पात्रा ने कहा कि खेप 2 दिसंबर तक ओडिशा पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल द्वारा ओडिशा को आलू की ढुलाई बंद करने के बाद राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश से आलू खरीदना शुरू कर दिया है.

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बंगाल ने झारखंड और ओडिशा के लिए आलू की खेप रोकी, संसद तक जा सकता है मामलाबंगाल ने आलू की खेप रोकी

झारखंड और बंगाल में फिर तकरार बढ़ती दिखती है. बंगाल से आने वाले आलू लदे ट्रक को धनबाद के मैथन स्थित डिबुडीह चेक पोस्ट पर पिछले तीन दिनों से रोक दिया जा रहा है. यानी झारखंड में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. लिहाजा प्याज की कीमतों में आई उछाल से अभी राहत भी नहीं मिली थी कि अब आलू के बढ़ते दाम रुलाने लगे हैं. आलू का भाव आम उपभोक्ता की जेब पर बोझ डाल रहा है. प्रवेश नहीं मिलने पर ट्रक आलू लेकर वापस बंगाल के गोदाम में ही चले जा रहे हैं. यानी ट्रक वापस लौट जा रहे हैं.

झारखंड में पंडरा बाजार समिति के आलू प्याज विक्रेता संघ के अध्यक्ष मदन प्रसाद ने 'आजतक' को बताया कि यहां 60 से 70 परसेंट तक आलू बंगाल से आपूर्ति होता है. लेकिन ट्रक के नहीं आने से अब मुश्किल बढ़ती जा रही है. झारखंड की खपत हर रोज की 80 से 110 ट्रक है. एक ट्रक में लगभग 30 टन मॉल आता है. समिति अब यूपी से आपूर्ति करवाने की कोशिश तो कर रही है, लेकिन कीमत पर जाहिर तौर पर आवक कम होने से असर पड़ा है.

इस वजह से गिरी पैदावार

बताया जाता है कि दीपावली तक बारिश होती रही जिससे बंगाल में भी आलू की पैदावार पर असर हुआ है. लिहाजा वहां आपूर्ति में किसी तरह का खलल नहीं पड़े, इसको ध्यान में रखकर संभवत बंगाल से गाड़ी झारखंड में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. राज्य में सफेद आलू की कीमत 2100 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक शनिवार को चढ़ गया था. खुदरा में सफेद आलू 35 रुपये किलो तक जा पहुंचा है जबकि लाल आलू 40 रुपये प्रति किलो और नया आलू 50 रुपये किलो तक बिक रहा है.

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धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो ने बंगाल सरकार के इस रवैए को तानाशाही बताया है और लोकसभा में मामले को उठाने की बात कही है. राज्य में बंगाल और कानपुर से आलू की आवक होती है. अब इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी हस्तक्षेप किया है. उन्होंने इस पर आवश्यक करवाई के निर्देश दिए हैं.

बंगाल बॉर्डर पर आलू के वाहन रोकने की खबरों पर सीएम हेमंत सोरेन ने संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव अलका तिवारी से तत्काल मामले को निपटाने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव अलका तिवारी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से फोन पर बात की है. मनोज पंत ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही एक कमेटी बनाकर आलू के मामले का निष्पादन सुनिश्चित किया जाएगा.

ओडिशा में भी बढ़ा मामला

दूसरी ओर, ओडिशा के एक मंत्री ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश से आलू से लदे 300 ट्रक सोमवार को ओडिशा पहुंचने के बाद आलू की कीमतें जल्द ही स्थिर हो जाएंगी. ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री केसी पात्रा ने कहा कि खेप 2 दिसंबर तक ओडिशा पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल द्वारा ओडिशा को आलू की ढुलाई बंद करने के बाद राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश से आलू खरीदना शुरू कर दिया है. 

खुदरा बाजार में आलू की कीमतों को 35 रुपये प्रति किलोग्राम के भीतर नियंत्रित करने का दावा करते हुए मंत्री ने कहा कि सोमवार के बाद कीमतें सामान्य हो जाएंगी. बाजारों में आलू की ऊंची कीमतों के बारे में पूछे जाने पर पात्रा ने कहा कि राज्य में आलू की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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पश्चिम बंगाल के पास 7 लाख मीट्रिक टन आलू का स्टॉक है, जबकि इसकी जरूरत करीब 5 लाख टन है. इसलिए वे बाकी 2 लाख मीट्रिक टन आलू पड़ोसी राज्यों को दे सकते हैं. लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना किसी कारण के आपूर्ति रोक दी है.'' मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और अन्य राज्यों को आलू की आपूर्ति करनी चाहिए.

 

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