उत्तर प्रदेश के औरैया में इस वक्त यमुना नदी बाढ़ का तांडव दिखा रही है. यहां पर यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है. कुछ दिन पहले ही बाढ़ की मार झेल चुके किसान अभी इससे उभर भी नहीं पाए थे कि दोबारा फिर एक बार नदी ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया है. इस वजह से किसानों की बचीकुची फसलें भी इस बार बाढ़ से तबाह हो गई. इतना ही नहीं अब किसानों के आगे जानवरों के चारे के लिए भी समस्या खड़ी हो गई. बताया जा रहा है कि करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों की फसलें बाढ़ की चपेट में आने से तबाह हो गई.
एक बार फिर से औरैया में बाढ़ का तांडव दिख रहा है. यमुना नदी में बढ़े जल स्तर से ये खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. किसानों की जो बची फसलें थीं, वह भी चौपट हो गईं. इतना ही नहीं किसानों को अपने जानवरों के लिए भी चारे का संकट दिखने लगा है और पशुओं की खाना-खुराक के लाले पड़ रहे हैं. आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले भी औरैया के एक दर्जन गांव में बाढ़ का तांडव दिखाई पड़ा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने औरैया पहुंचकर ग्राउंड स्तर पर हालात का मुआयना किया था और किसानों को फसलों का मुआवजा देने की बात कही थी. हालांकि इससे पहले कुछ किसानों को मुआवजा मिला था.
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया पहुंचकर एक बार फिर बाढ़ से निपटने को लेकर तैयार रहने की बात भी कही थी. इस समय यमुना नदी में पीछे से आ रहे जल सैलाब से यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं किसानों की बची फसलें भी बाढ़ के प्रकोप से तबाह हो गई हैं.
गौरतलब है कि पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार बारिश के कारण उत्तर प्रदेश की नदियों में उफान आने से 22 जिलों के 700 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं. बीते कुछ दिनों से उत्तर भारत के बड़े हिस्से में लगातार बारिश हो रही है, जिससे हिमालयी क्षेत्र में भारी तबाही मची, जहां भूस्खलन हुआ, निचले इलाकों में पानी भर गया और कई सड़कें और पुल बह गए. मूसलाधार बारिश के कारण हिमालय से निकलने वाली नदियां और छोटी नदियां उफान पर आ गईं. जिसके बाद बांधों और बैराजों को भारी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ा, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई.
(रिपोर्ट- सूर्य शर्मा)
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