केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि हर साल आयोजित होने वाले इस मेला में किसानों को खेती की नई विधियों, तकनीक और यंत्रों के उपयोग को लेकर सभी जरूरी जानकारियां मिलेंगी. डॉ सिंह ने कहा कि "उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी'' का समापन 10 फरवरी को केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे. उन्होंने कहा कि इस साल मेला की थीम "सतत विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि'' यानी Regenerative Agriculture है. इसका उद्देश्य किसानों को प्रकृति के साथ तालमेल कायम कर सबका पेट भरने में सक्षम भारत की पुरानी खेती के तरीकों को आधुनिक तकनीक के साथ पुनर्जीवित करने के बारे में बताना है.
डॉ सिंह ने कहा कि आज की दुनिया में, जहां उपभोक्ता पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंतित हैं, ऐसे में पुनर्जीवी कृषि ही उम्मीद जगाती है. यह उम्मीद की किरण के रूप में खाद्य प्रणाली से जुड़ी चुनौतियों का एक उचित समाधान है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पुनर्जीवी कृषि केवल एक कृषि पद्धति ही नहीं है, बल्कि इससे कहीं अधिक यह एक समग्र दृष्टिकोण है, जो जमीन को पुनर्जीवित कर सकती है.
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डॉ सिंह ने बताया कि उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला में 8 राज्य (जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश) अपनी सहभागिता करेंगे. मेला में हिस्सा लेने के लिए आ रहे इन राज्यों के किसानों को परंपरागत कृषि, Agriculture Export की संभावनाएं, फल, सब्जी, फूल, मशरूम व अन्य लाभदायक फसलों के उत्पादन की जानकारी के साथ दलहन, तिलहन व Millets Farming तथा उसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानकारी दी जायेगी.
उन्होंने बताया कि मेला का मुख्य आकर्षण प्राकृतिक खेती के मॉडल एवं प्रदर्शनी, संरक्षित खेती, Polyhouse तकनीक, बागवानी एवं Agroforestry तकनीक, पार्क, नवीन प्रजातियां एवं अन्य तकनीकों का सजीव प्रदर्शन होगा. इसके अलावा खेती से आय में इजाफा करने वाली विधाओं से जुड़े शहद, मशरूम, बीज, वर्मीकम्पोस्ट, मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण के बारे में बताया जाएगा.
डॉ सिंह ने बताया कि मेला किसानों के लिए उन्नत बीज एवं पौधों की बिक्री भी की जाएगी. इसके अलावा बौद्धिक विमर्श के लिए व्याख्यानमाला, किसान गोष्ठी और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. प्रदर्शनी में लगभग 125 स्टॉल लगाये जायेंगे. इसमें ICAR, विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र,FPO, कृषि आधारित निजी संगठन एवं महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद भी मिलेंगे.
उन्होंने बताया कि मेला में यूपी सरकार के कृषि विभाग ने श्रीअन्न पर विशेष तकनीकी सत्र एवं श्री अन्न से बनाये गये पकवानों की भी एक प्रतियोगिता आयोजित की है. वहीं उद्यान विभाग के साथ मिल कर फूल प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता भी आयोजित की जायेगी.
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डॉ सिंह ने बताया कि मेला में अत्याधुनिक कृषि यंत्रों से किसानों को अवगत कराने के लिए Modern Farm Machinery Exhibition लगाई जाएगी. इस दौरान किसानों को Drone Technology से खेती में होने वाले फायदों से किसानों परिचित कराया जाएगा. साथ ही Crop Cafeteria में किसानों को उन्नत फसलों की खेती में इस्तेमाल होने वाले बीज और खाद के उपयोग की जानकारी दी जाएगी. इसमें Improved Seeds की बिक्री भी होगी.
डॉ सिंह ने बताया कि किसान मेला में पशुपालन से जुड़े किसानों के लिए Animal Show का आयोजन भी आकर्षण का केंद्र होगा. साथ ही विश्वविद्यालय में मिट्टी एवं फसलों की सेहत को जांचने के लिए शुरू किए गए Mobile Plant Health Clinic का एक साल पूरा होने पर इसके परिणामों से किसानों को अवगत कराया जाएगा.
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