शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से पूछा कि वह बताएं कि राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 4 लाख एकड़ भूमि पर बुवाई के लिए वितरित किए जाने वाले सर्टिफाइड गेहूं के बीज कहां हैं. अकाली दल अध्यक्ष ने धर्मकोट में 1,000 क्विंटल और शाहकोट में 800 क्विंटल प्रमाणित गेहूं के बीज के वितरण की शुरुआत करते हुए कहा कि गेहूं की बुवाई शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि आप सरकार को किसानों के बीच वादा किया गया गेहूं का बीज तुरंत वितरित करना चाहिए, अन्यथा यह उनके किसी काम का नहीं रहेगा.
शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि SAD ने पहले अजनाला में 1,000 क्विंटल बीज वितरित किया था और वह इस महीने के अंत तक अपनी "बीज सेवा" पहल को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि इस पहल के पूरा होने के बाद, पार्टी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गरीब परिवारों के बीच गेहूं का वितरण शुरू करेगी. बादल ने कहा कि AAP सरकार संकटग्रस्त किसानों को निराश कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अजनाला में इस मद में 1.16 करोड़ रुपये वितरित करके फसल मुआवजे का मजाक उड़ाया है.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इससे निर्वाचन क्षेत्र के एक हजार से ज़्यादा गांवों के किसानों को 50 से 60 एकड़ जमीन के लिए राहत मिलेगी. इसमें बाढ़ प्रभावित किसानों का एक अंश भी शामिल नहीं है. बादल ने यह भी बताया कि किस प्रकार आप सरकार ने बाढ़ रोकथाम बैठक आयोजित ना करके, शाहपुर-कंडी बैराज को मजबूत करने के लिए कोई धनराशि जारी ना करके और रंजीत सागर बांध में जल प्रवाह को नियंत्रित ना करके किसानों की परेशानी को और बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के कारण अतिरिक्त बाढ़ आ गई, क्योंकि शाहपुर बैराज के गेट टूट गए और रंजीत सागर बांध से लगातार तीन दिनों तक दो लाख क्यूसेक पानी अचानक छोड़े जाने से हजारों एकड़ भूमि जलमग्न हो गई.
बादल ने शाहकोट में 800 ट्रॉली मक्का साइलेज के वितरण की भी शुरुआत की. इस अवसर पर मौजूद वरिष्ठ नेताओं में तीरथ सिंह महला, राजविंदर सिंह धर्मकोट, सन्नी गिल, बचित्तर सिंह कोहाड़, बलदेव खैरा, सरबजीत झिंझर, हरजाप संघा और राजकमल भुल्लर शामिल थे. इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बाढ़ प्रभावित अजनाला के किसानों को केवल 1.16 करोड़ रुपये जारी करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की निंदा की थी. सुखबीर ने कहा कि 580 एकड़ भूमि पर हुई फसल के नुकसान के लिए केवल 1.16 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है.
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