किसानों पर पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां, इस परियोजना का कर रहे थे विरोध

किसानों पर पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां, इस परियोजना का कर रहे थे विरोध

छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले में मामला तब उग्र हुआ जब खैरागढ़ में किसानों और ग्रामीणों के प्रदर्शन पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. राजनांदगांव-कवर्धा मेन रोड पर स्थित जय स्तंभ चौक पर ग्रामीण प्रस्तावित खदान प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे.

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किसानों पर पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां, इस परियोजना का कर रहे थे विरोधपुलिस ने जमकर भांजी लाठियां

छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले में पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दी. ये मामला तब उग्र हुआ जब खैरागढ़ में किसानों और ग्रामीणों के प्रदर्शन पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. राजनांदगांव-कवर्धा मेन रोड पर स्थित जय स्तंभ चौक पर ग्रामीण प्रस्तावित श्री सीमेंट लिमिटेड की संडी चूना पत्थर खदान प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स को खसीटा और वहां खड़ी बसों को नुकसान पहुंचाया.

ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर किसानों का प्रदर्शन

दरअसल, खैरागढ़ में प्रस्तावित श्री सीमेंट लिमिटेड कंपनी की संडी लाइम स्टोन परियोजना का लगातार ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही इस क्षेत्र के 40 गांवों ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली में बैठकर खैरागढ़ पहुंचे ग्रामीणों ने पहले एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और 11 दिसंबर को होने वाली जनसुनवाई रद्द करने के लिए मांग की. ग्रामीणों का कहना है कि इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा और आम लोगों के स्वास्थ्य पर भी गलत प्रभाव पड़ेगा.

प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल

खैरागढ़ जिले में प्रस्तावित श्री सीमेंट लिमिटेड की संडी चूना पत्थर खदान परियोजना के विरोध मे 40 गांव के ग्रामीण किसान 10 किलोमीटर के दायरे से 200 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार छुईखदान पहुंचे, जिनमे महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों शामिल थे.

पुलिस ने किसानों पर बरसाई लाठियां

पुलिस द्वारा रोके जाने के बावजूद किसान पैदल एसडीएम कार्यालय पहुंचे और प्रस्तावित जनसुनवाई रद्द करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने राजनांदगांव–कवर्धा मुख्य सड़क को जाम कर दिया. स्थिति बिगड़ता देख पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया, जिससे तनाव की स्थिति बन गई, जिसके बाद पुलिस किसानों पर लाठियां भांजते रही और किसान इधर-उधर भागते नजर आए.

किसानों ने बताई क्या है परेशानी 

किसानों ने इस परियोजना का विरोध करते हुए कहा कि किसान इतने बड़े पैमाने पर इसका इसलिए विरोध कर रहे क्योंकि इससे बहुत नुकसान होगा. किसानों ने कहा कि इस सीमेंट फैक्ट्री के लगने से पर्यावरण और फसलों को काफी नुकसान पहुंचेगा. इसके लिए उस फैक्ट्री से निकलने वाले धुल के किसानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ेगा. इस लिए 11 दिसंबर को होने वाली जनसुनवाई रद्द होनी चाहिए. (परमानंद रजक की रिपोर्ट)

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