पंजाब में बाढ़ से हालात गंभीर बने हुए हैं. साथ ही राजनीतिक हलचल भी तेज है. सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के नेता प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा ले रहे हैं. वहीं, प्रशासन और बचाव एजेंसियां लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं. एक अधिकारी के मुताबिक, बाढ़ प्रभावित फिरोजपुर जिले से अब तक करीब 3,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. सतलुज नदी में आई बाढ़ के चलते जिले के लगभग 100 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
जिला प्रशासन के साथ सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ और पंजाब पुलिस चौबीसों घंटे राहत और बचाव कार्य कर रही है. प्रभावितों के लिए जिलेभर में राहत कैंप लगाए गए हैं, जहां करीब 350 लोगों को भोजन और जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. अब तक करीब 3,000 परिवारों को सूखा राशन भी वितरित किया जा चुका है. डिप्टी कमिश्नर दीपशिखा शर्मा ने बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है.
वहीं, राजनीतिक स्तर पर भी बाढ़ अब बड़ा मुद्दा बन गई है. राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री लाल चंद कटारुचक, हरदीप सिंह मुंडियां, लालजीत सिंह भुल्लर और तरुणप्रीत सिंह सोंद ने पठानकोट, कपूरथला और तरनतारन जिलों में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर राहत सामग्री बांटी.
वहीं, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने गुरदासपुर और दीनानगर में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर राहत किट और राशन बांटा और भरोसा दिलाया कि मरम्मत और पुनर्वास के काम जल्द शुरू होंगे. चड्ढा ने यह भी कहा कि वह अपने MPLADS फंड से बाढ़ सुरक्षा उपायों और राहत कार्यों के लिए धन आवंटित करेंगे.
दूसरी ओर विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने फिरोजपुर के प्रभावित इलाकों का दौरा किया, जबकि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर के अजनाला क्षेत्र के गांवों का जायजा लिया. बादल ने सरपंचों और ग्रामीणों से बातचीत में कहा कि लोगों को राशन और साफ पानी तक की सुविधा नहीं मिल रही है और सरकार ने उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है.
पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी अजनाला विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया और मुख्यमंत्री भगवंत मान को चेतावनी दी कि बाढ़ राहत की जिम्मेदारी उठाएं, वरना जवाबदेही तय की जाएगी. जाखड़ ने आरोप लगाया कि केंद्र ने आपदा प्रबंधन के लिए 611 करोड़ रुपये में से 229 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार इस धन का सही उपयोग करने में विफल रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर यह पैसा कहां खर्च हुआ, जब न तो तैयारी की गई और न ही उचित इंतजाम किए गए. (पीटीआई)
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