राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही इन राज्यों में सीएम पद के दावेदारों की दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ मुलाकातों का दौर जारी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में गुरुवार को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में भी तीनों राज्यों की संभावित सरकारों के स्वरूप पर चर्चा हुई. इसमें इन तीनों राज्यों के सीएम के नाम तय करने के लिए संसदीय बोर्ड ने पर्यवेक्षकों को नियुक्त कर दिया है. तीनों राज्यों के लिए नियुक्त किए गए तीन तीन पर्यवेक्षक नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों से मशविरा करके बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेगे. जिसमें यह बताया जाएगा कि ये विधायक किसे अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. गौरतलब है कि राज्यों में सरकार के गठन को लेकर संविधान के प्रावधानों के मुताबिक चुनाव में उभरे सबसे बड़े दल के नवनिर्वाचित विधायक ही मुख्यमंत्री को चुनते हैं.
भाजपा संसदीय बोर्ड ने राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ की सरकार के सीएम पद पर चयन के लिए 3- 3 पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में यह जानकारी दी गई है. इसके अनुसार संसदीय बोर्ड ने राजस्थान के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.
समझा जाता है कि इन तीनों राज्यों में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व सीएम पद पर नए चेहरों की ताजपोशी करने का पक्षधर है, जिससे पार्टी में इन प्रदेशों में नए नेतृत्व को उभरने का मौका दिया जा सके. वहीं एमपी में 18 साल से सीएम शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ में 15 साल सीएम रहे डा रमन सिंह और राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खुद सीएम पद के दावेदारों में सबसे आगे हैं.
इन राज्यों में अन्य दावेदारों की बात की जाए तो एमपी में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजस्थान में गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी, महंत बालकनाथ और राज्यवर्धन सिंह राठौर तथा छत्तीसगढ़ में अरुण साव, रेणुका सिंह और ओपी चौधरी के नाम भी चर्चा बने हुए में हैं.
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तीनों राज्यों में सीएम पद को लेकर मची खींचतान को देखते हुए भाजपा संसदीय बोर्ड ने पर्यवेक्षकों की तैनाती कर विधायकों की मंशा को भी सीएम पद के चयन में शामिल करने की पहल की है. समझा जाता है कि तीनों राज्यों के पर्यवेक्षक आज इन राज्यों में पहुंच जाएंगे.
समझा जाता है कि आज शाम ही भोपाल में एमपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई है. इसी तरह राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधायकों से ही आज बैठक होने के बाद पर्यवेक्षक कल यानी शनिवार तक विधायकों से विचार विमर्श के आधार पर अपनी रिपोर्ट संसदीय बोर्ड को सौंप देंगे. इसमें विधायकों की पसंद के नामों काे शामिल किया जाएगा. इसके बाद इन राज्यों में विधायक दल की पसंद के सीएम के नाम की औपचारिक घोषणा किए जाने की संभावना है.
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