मध्यप्रदेश के नीमच जिले में एक पीड़ित युवा किसान ने जनसुनवाई में कलेक्टर से अनोखी गुहार लगाई है. उसने खेत पर जाने के लिए प्रशासन से हेलीकॉप्टर की मांग कर डाली. दरअसल, सरजना गांव का युवा किसान संदीप पाटीदार जनसुनवाई में यह गुहार लेकर आया था. उसका कहना है कि पिछले दस सालों से उसके खेत का रास्ता दबंगों ने बंद करके रखा है, जिससे वो खेती करने तक नहीं जा पा रहा है. इतने समय से खेत खाली पड़ा है. किसान ने बताया कि निचली अदालत से भी पारंपरिक पुराने रास्ते को खोलने का आदेश हुआ लेकिन तहसीलदार और पटवारी आदेश की पालना नहीं करवाते और कागजी खानापूर्ति करके लौट जाते हैं. किसान का कहना है कि प्रशासन से आज हेलीकॉप्टर की मांग इसलिए की है कि रास्ता नहीं दिलवा सकते तो हेलीकॉप्टर ही दिलवा दें.
इस मामले में नीमच जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने कहा कि जनसुनवाई में एक किसान आया था, जिसने बताया की उन्हें उनकी जमीन पर जाने का रास्ता नहीं मिल रहा है. न्यायालय में इसका कोई प्रकरण भी चल रहा हैं, जिसमे हाईकोर्ट मे भी स्टे आया हैं. मेरे संज्ञान में मामला आया है, जिसमें किसान द्वारा खेत मे जाने की मांग की गई हैं, उनकी जो समस्या है उसका निराकरण किया जाएगा.
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संदीप ने कहा कि वो सूरजना गांव का रहने वाला है. उसने इस मामले को लेकर कोर्ट में गुहार लगाया था. कोर्ट से ऑर्डर होने के बाद भी उसका पालन नहीं हो रहा है, पटवारी द्वारा रास्ता नहीं खुलवाया जा रहा है. संदीप ने कहा कि वो करीब डेढ़ साल से मांग कर रहा है रास्ता खुलवाने की. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है इसलिए उसने प्रशासन से हेलीकाप्टर दिलवाने की मांग की है, जिससे वो अपनी खेतों तक पहुंच सके, उसकी देखभाल कर सके. संदीप ने कहा कि उसके खेत पर जाने का कोई रास्ता नहीं है. वहीं, पिछले 10 वर्षो से उसका खेत खाली पड़ा है. ऐसे में अगर उसे हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करवा दी जाए तो वो अपने खेत पर आना जाना कर सकेगा.
बता दें कि लगभग एक महीने पहले राजस्थान में भी ऐसा ही एक मामला देखने को मिला था. दरअसल, राजस्थान के बाड़मेर में रास्ता रोके जाने से परेशान एक युवक ने घर आने जाने के लिए जिला कलेक्टर से हेलीकॉप्टर की मांग कर डाली थी. पीड़ित का कहना था कि उसके घर जाने जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. खेत में फसल खड़ी है और खेत तक आने जाने का भी कोई रास्ता नहीं है. पीड़ित का आरोप था कि जो भी रास्ता उसने एसडीएम और पुलिस की मदद से खुलवाया था, उस रास्ते पर फिजिकल टीचर खेराजराम पुत्र कानाराम ने कब्जा कर लिया और रास्ते की भूमि पर जीरा बो दिया. (आकाश चौहान की रिपोर्ट)
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