खनन के बहुआयामी प्रभावों के दायरे में तमाम फसलें भी हैं. सरकारों को इस तथ्य से अवगत कराते हुए NGT ने पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए खनन की इजाजत देने काे कहा है. एनजीटी ने छत्तीसगढ़ की रावघाट लौह अयस्क परियोजना से फसलों पर पड़ रहे असर को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कुछ मानक तय किए है. एनजीटी ने Chhattisgarh Govt को इन मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करते हुए खनन करने की नसीहत दी है. एनजीटी ने यह भी निर्देश दिया है कि खनन के दौरान खदान में विस्फोट करने से पहले इलाके में किसानों की फसलों पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखने के साथ यह अध्ययन करना चाहिए कि इन विस्फोटों का आस-पास मौजूद इमारतों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
एनजीटी ने रावघाट खनन क्षेत्र से Iron ore के आवागमन से फसलों पर पड़ रहे असर की आशंका को सही बताया है. इसके मद्देनजर ट्रिब्यूनल ने खनिज को ले जाने के लिए दो वैकल्पिक मार्ग भी तय किए हैं.
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एनजीटी ने इस खदान से हो रहे खनन के कारण Environmental Protection के लिए कुछ जरूरी नए नियम भी बनाए हैं. इसमें एनजीटी ने आदेश दिया है कि खनन क्षेत्र में राजहरा से रावघाट तक रेल लाइन का काम तय समय में पूरा कर लिया जाए. साथ ही खनिज को ले जाने के काम में लगे वाहनों की अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा न होने दी जाए.
एनजीटी ने खनिज के Transportation Timing भी निर्धारित करते हुए कहा है कि यह काम हर दिन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही किया जाए. इतना ही नहीं, विभिन्न स्थानों पर जनसामान्य की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर खनिज के परिवहन के समय में तब्दीली भी की जाए. इसके अलावा एनजीटी ने सेल को आदेश दिया है कि खनन के समय खदान में किए जाने वाले विस्फोट से आसपास की इमारतों पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करने को भी कहा है. जिससे खनन से उस इलाके में पड़ने वाले संपूर्ण प्रभाव का मूल्यांकन किया जा सके.
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एनजीटी ने सेल को कहा है कि खनन गतिविधियों से आसपास की फसलों पर पड़ रहे प्रभाव का आंकलन कराया जाए. जिससे किसी प्रकार से फसलों को नुकसान होने पर बीमा के माध्यम से उसकी भरपाई किसानों को की जा सके. ट्रिब्यूनल ने फसल बीमा के तहत खदान के पट्टे वाली जमीन से 5 किमी के दायरे को बीमा में कवर करने की जरूरत पर बल दिया है.
एनजीटी ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड को खनन क्षेत्र में ऐसे प्रदूषण निगरानी उपकरण लगाने के लिए भी कहा है जो Real Time Manner में खनन और इसके प्रभाव का मूल्यांकन करने वाले आंकड़े उपलब्ध करा सकें. इससे खनन क्षेत्र में Air Quality का पता चल सकेगा. इसकी मदद से खनन क्षेत्र में ट्रकों की आवाजाही को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी. इससे इलाके में वायु प्रदूषण को नियंत्रित रखा जा सकेगा.
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