अकोला में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ और रबी 2023-24 की बीमा राशि अब तक किसानों के खातों में जमा नहीं की गई है, जिसके विरोध में क्रांतिकारी शेतकरी संगठन ने जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. संगठन के जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर गवली के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान धरना दे रहे हैं. पिछले कई घंटों से किसान कार्यालय में बैठे हैं. किसानों का कहना है कि जब तक बीमा राशि जमा नहीं होती, वे तब तक आंदोलन जारी रखेंगे.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अकोला जिले के किसानों ने फसल नुकसान की शिकायतें दर्ज करवाई थीं. बीमा कंपनियों ने सर्वे भी किया, लेकिन अब तक नुकसान भरपाई की राशि किसानों के खातों में जमा नहीं की गई. नियम के अनुसार, 15 दिनों में मुआवजा मिलना चाहिए था, लेकिन छह महीने बीत चुके हैं. बीमा कंपनियों की देरी से किसान आर्थिक संकट में फंस गए हैं. बार-बार मांग के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, जिससे किसानों में नाराजगी है.
आंदोलनकारी किसानों ने सरकार और बीमा कंपनियों से तत्काल फसल बीमा मुआवजा जारी करने की मांग की है. संगठन ने कहा कि कि जल्द ही समाधान नहीं निकला तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.
"हम तब तक संघर्ष करेंगे, जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिलता. प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए." - चंद्रशेखर गवली, जिलाध्यक्ष, क्रांतिकारी शेतकरी संगठन
वहीं, शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा में बजट-पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि 2024-25 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानित वृद्धि देश की अर्थव्यवस्था से ज्यादा है, जिसके चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. आर्थिक सर्वेक्षण को उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने पेश किया, वह राज्य के वित्त मंत्री भी हैं.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में खेती और इससे जुड़ी गतिविधियों, उद्योग और सेवा क्षेत्रों में क्रमशः 8.7 प्रतिशत, 4.9 प्रतिशत और 7.8 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने की उम्मीद है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि मौजूदा कीमतों पर 2023-24 के लिए नाममात्र जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) 2022-23 में 36,41,543 करोड़ रुपये की तुलना में 40,55,847 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2024-25 के लिए यह आंकड़ा 45,31,518 करोड़ रुपये है. यहां जीएसडीपी कुल आर्थिक उत्पादन को दर्शाता है.
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