उत्तर प्रदेश के बहराइच में किसान तक का किसान कारवां शनिवार को जिले के बलहा ब्लॉक के गायघाट पहुंचा. यहां पर बड़ी तादात में किसानों ने किसान कारवां कार्यक्रम में भाग लिया. इस अवसर पर बहराइच जिले में कार्यरत उपसंभगीय कृषि प्रसार अधिकारी डॉक्टर शिशिर वर्मा ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए एफपीओ (कृषक उत्पाद संगठन ) गठन पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि पहले किसान अपने उत्पादन से उतना अधिक मुनाफा नहीं कमाते थे. क्योंकि उनके उत्पाद से व्यापारियों को ज्यादा मुनाफा होता था. लेकिन एफपीओ ने किसानों की जिन्दगी बदल दी.
डॉक्टर शिशिर वर्मा ने कहा है कि एफपीओ की मदद से किसान अब अपने उत्पाद की प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग खुद ही कर रहे हैं. इससे लागत के मुकाबले किसानों का मुनाफा बढ़ गया है. उन्होंने बताया कि उनका मकसद उत्तर प्रदेश और भारत सरकार की योजनाओं को एफपीओ के माध्यम से किसानों के बीच जमीन पर उतारना है. इसके लिए वो निरंतर प्रयास कर रहे हैं.
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बहराइच के मोतीपुर तहसील और नानपारा तहसील में किसान गेहूं के साथ-साथ धान और गन्ने की भी बड़े स्तर पर खेती करते हैं. इसके अलावा यहां के किसान हल्दी, अदरक, कुंदरु और परवल भी उगाते हैं. लेकिन इस क्षेत्र में किसान एफपीओ के लाभ से वंचित हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें जल्दी एफपीओ से जोड़ा जाए.
इस अवसर पर बहराइच में एफपीओ शिवा एग्रोटेक के अमित सिंह ने कहा कि जिले में महिलाएं मशरूम की खेती कर रही हैं. एफपीओ से 537 महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में मदद मिली है. वहीं, किसान राम प्रवेश मौर्य ने खरीफ प्याज उत्पादन से मिलने वाले मुनाफे के बारे में जानकारी दी. इन्हें बहराइच के मिहीपुरवा इलाके में प्याज वालों के नाम से भी जाना जाता है.
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वहीं, किसान निरंजन लाल वर्मा ने गुलाब की खेती कर अपने जीवन में आए परिवर्तन से लोगों को अवगत कराया. इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर सूर्यबली सिंह ने किसानों को फसल चक्र अपनाने वा बीज परिवर्तन से कृषि उत्पादन बढ़ाने पर बल दिया. गौरतलब है इंडिया टुडे ग्रुप के किसान तक का किसान कारवां जोकि बीते 13 जनवरी को मेरठ से शुरू हुआ था, वह मुजफ्फरनगर, बरेली, सीतापुर होते हुए 25 जनवरी को बहराइच के इमामगंज पहुंचा. इस दौरान कृषि वैज्ञानिक, किसान और बुद्धिजीवियों ने अपनी बातें रखीं. (रिपोर्ट-रामबरन चौधरी)
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