Israel Farming: इजरायल में खेती कैसे की जाती है? क्यों दुनिया भर में मशहूर है यहां के किसानों की तकनीक, जानें पूरी डिटेल

Israel Farming: इजरायल में खेती कैसे की जाती है? क्यों दुनिया भर में मशहूर है यहां के किसानों की तकनीक, जानें पूरी डिटेल

कल से हर तरफ युद्ध की चर्चा है. आतंकवादी संगठन हमास ने कल यानी शनिवार (7 अक्टूबर) को इजरायल पर 5000 रॉकेट्स के जरिए हमला किया.इस हमले में अब तक 300 लोगों के मारे जाने और कई हजार लोगों के घायल होने की खबर है. मगर इजरायल की कहानी बस युद्ध से जुड़ी नहीं है. इस देश ने दुनिया भर को खेती की एक अनोखी तकनीक भी सिखाई है.

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Israel Farming: इजरायल में खेती कैसे होती है? क्यों दुनिया भर में मशहूर है यहां के किसानों की तकनीक, जानें डिटेलइजरायल में खेती कैसे की जाती है? क्यों दुनिया भर में मशहूर है, (सांकेतिक तस्वीर)

इस समय इजरायल बेशक युद्ध की वजह से चर्चा में है, लेकिन इससे पहले इजरायल अपनी खेती की अनोखी तकनीक की वजह से मिसाल बनता रहा है. दुनिया भर खेती लगातार चुनौतीपूर्ण होती जा रही है. कहीं बहुत ज्यादा गर्मी से तो कहीं बारिश नहीं होने की वजह से तो कहीं जमीनों की कमी तो कहीं जमीन खेती लायक नहीं होने की वजह से. ऐसे में एक ऐसा देश है इजरायल जिसने पूरी दुनिया के सामने नई तरह की खेती की तकनीक को पेश किया है. ये तकनीक धीरे-धीरे दुनिया में लोकप्रिय हो रही है. इजराइल में तो इसे खास तौर पर खेती के लिए उपयोग में लाया जा रहा है. बावजूद इसके कि इजरायल की भूमि का 60 फीसदी क्षेत्रफल रेगिस्तानी है और वहां पानी की भी काफी कमी है.

इस तकनीक से होती है खेती

इजराइल में जमीन की खासी कमी है, इसी समस्या से निजात पाने के लिए वहां के किसानों ने वर्टिकल फार्मिंग का विचार अपनाया. यह आधुनिक कृषि के लिए एक नया क्षेत्र है. दुनिया की आधी से ज्यादा जनसंख्या शहरों में होती है. जहां से खेत दूर होते हैं. घने शहरों में लोगों का ध्यान इस तकनीक पर ज्यादा गया. वर्टिकल फार्मिंग की तकनीक से घर की दीवार को एक छोटा सा फार्म बनाने का विचार कई लोगों को आकर्षित कर रहा है. कई लोग इसके जरिए अपने घर की दीवार को सजावट के तौर पर इस्तेमाल करते हैं तो कुछ लोग इसके जरिए अपनी पसंद की सब्जी उगाने के लिए. इससे बड़ी दीवारों पर गेहूं, चावल, जैसे अनाजों के अलावा कई तरह की सब्जियों को उगाया जा सकता है.

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रेगिस्तान में होता है मछलीपलन

आपको सुनकर भले हैरानी हो कि रेगिस्तान में मछली पालन भला कैसे संभव है, लेकिन इसे संभव कर दिखाया जीएफए यानि ग्रो फिश एनीव्हेयर की एडवांस टेक्निक ने. इजरायल के जीरो डिस्चार्ज सिस्टम ने मछली पालन के लिए बिजली और मौसम की बाध्यता को खत्म कर दिया है. इस तकनीक में मछलियों को एक टैंकर में पाला जाता है, जिसे हम आज के परिदृश्य में रिसर्कुलेशन एक्वाकल्चर सिस्टम कहते हैं.

पानी की होती है बचत

वर्टिकल फार्मिंग से पौधों को दी जानी वाली पानी की मात्रा को नियंत्रित होती है साथ ही पानी की बचत भी बहुत अधिक होती है. इस पूरी सिंचाई व्यवस्था को कम्प्यूटर के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है. हां यह जरूर है कि इन पौधों को खास समय पर यानी कि थोड़ा विकसित होने पर ही दीवार पर लगाया जाता है.

इजराइल की कृषि तकनीक

इजराइल के कृषि तकनीक में वर्टिकल फार्मिंग में सबसे ज्यादा चर्चित हाइड्रोपोनिक्स, एक्वापोनिक्स और एरोपोनिक्स जैसी तकनीकों की खासी चर्चा है. हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में मिट्टी का उपयोग नहीं होता है और उसके बिना ही पौधों को एक सोल्यूशन में उगाया जाता है. एरोपोनिक्स में तो केवल हवा में ही पौधों को विकसित किया जाता है. एयरोपॉनिक्स का फिलहाल बहुत ही कम उपयोग देखा गया है, लेकिन हाइड्रोपोनिक्स या एक्वापोनिक्स में लोगों की दिलचस्पी खासी बढ़ रही है.

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