राकेश टिकैत किसान नेता ने कहा कि हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह किसानों से बात करे, उन्हें रोकने की कोशिश न करे. वे किसान हैं और हमारी सभी मांगें एक जैसी हैं. किसान कभी पीछे नहीं हटेंगे, आंदोलन बंद नहीं करेंगे. वे वापस नहीं जाएंगे. सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए. आंसू गैस के सवाल पर - उन्हें आंसू गैस या लाठीचार्ज करने दीजिए, वे पीछे नहीं हटेंगे. वे किसान हैं. हम सब एक हैं, सबकी मांगें एक जैसी हैं. किसानों से बातचीत से ही इसका समाधान निकलेगा. हम सब एक हैं, जरूरत पड़ी तो हम भी शामिल हो जाएंगे. हमारी एमएसपी, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने समेत कई मांगें हैं. राकेश टिकैत ने कहा, अगर बीजेपी किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है तो एमएसपी दे. रोकने से भी आंदोलन और किसान नहीं रुकेंगे. मध्य प्रदेश में ज्यादा किसानों को गिरफ्तार किया गया, यहां तक कि मध्य प्रदेश के किसानों को भी गिरफ्तार किया गया है. गिरफ़्तारी आंदोलन का हिस्सा है. अगर वे किसानों को भड़काएंगे तो लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा. पूरे देश में आंदोलन फैलेगा.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, हम आज पंजाब सीमा पर किसानों पर किए गए दमन का कड़ा विरोध करते हैं और स्पष्ट करना चाहते हैं कि भारत में किसान आंदोलन एकजुट और एकचित्त है और सत्तावाद के ऐसे किसी भी कृत्य और राज्य शक्ति के अत्यधिक उपयोग का विरोध करेगा. भारत के प्रधानमंत्री के रूप में हम आपसे केंद्रीय बजट और विभागीय कार्रवाइयों द्वारा सक्रिय रूप से समर्थित कृषि में कॉर्पोरेट हस्तक्षेप के गंभीर हमले के सामने किसानों की दुर्दशा पर सहानुभूति रखने का आग्रह करते हैं. हम आपसे आग्रह करते हैं कि एसकेएम द्वारा उठाई गई मांगों पर तुरंत ध्यान दें, देश के किसानों की मांगों को हल करने के लिए चर्चा शुरू करें.
उधर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "लगभग 10,000 लोग यहां शंभू सीमा पर पहुंच गए हैं... किसान यहां शांतिपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं.हमारे खिलाफ ड्रोन के जरिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है.तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मान लेती.
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आपको बता दें कि जींद में पंजाब सीमा पर पुलिस का किसानों पर एक्शन हुआ है. वाटर कैनन का प्रयोग किया गया है. आंसू गैस के गोले भी दागे गए. पंजाब से दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों को आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का सामना करना पड़ा क्योंकि पुलिस ने मंगलवार को जींद जिले में खनौरी सीमा से बड़े समूहों को हरियाणा में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की. इससे पहले दिन में, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बनाने सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च में भाग लेने वाले किसानों को हरियाणा के अंबाला में शंभू सीमा पर इसी तरह की पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा पर आंसू गैस के गोले दागे जाने से एक किसान घायल हो गया. मार्च से पहले किसानों के कई समूह भारी बैरिकेड वाली सीमा पर एकत्र हुए थे.
हरियाणा पुलिस प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए एक तरफ जहां ड्रोन का सहारा ले रही है, वहीं एक बड़ा ड्रोन आ रहा है. इस ड्रोन के जरिए ना केवल नजर रखी जा रही है बल्कि इससे आंसू गैस के गोले फायर किए जा रहे हैं. शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों में अफरा तफरी मच रही है और ये ड्रोन कभी भी यहां पर आंसू गैस के गोले गिरा सकता है. शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ रही है. अब तक दो दर्जन से ज्यादा गोले दागे जा चुके हैं. जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को छूने की कोशिश की तो उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ गए. सैकड़ों ट्रैक्टरों में सवार होकर यहां पहुंचे किसान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से लगातार आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. किसानों ने बताया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे नई दिल्ली की ओर मार्च करना जारी रखेंगे.
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