हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश की डबल इंजन की सरकार किसानों के उत्थान के लिए निरंतर काम कर रही है. हमारा ध्येय है कि किसानों की आमदनी बढ़े और किसान आर्थिक रूप से समृद्ध बने. प्रदेश के 70 प्रतिशत किसान ऐसे हैं, जिनके पास जमीन कम है. इसलिए उनके उत्थान के लिए भी खास रणनीति बनानी होगी. साथ ही किसानों को अधिक मुनाफा मिले, इसके लिए भी बजट में प्रावधान करने होंगे, ताकि किसानों को मजबूत बनाया जा सके.
मुख्यमंत्री किसानों के उत्थान को लेकर आज जिला हिसार में बजट पूर्व परामर्श बैठक के तहत चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में प्रगतिशील किसानों से सुझाव ले रहे थे. इस दौरान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा, विधायक विनोद भ्याणा और रणधीर पनिहार भी उपस्थित थे.
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने वन टू वन किसानों से संवाद किया. पहले सेशन में 52 से ज्यादा सुझाव किसानों की तरफ से सुझाए गए. इसमें प्रगतिशील किसानों के अलावा कृषि विशेषज्ञ भी शामिल थे. दूसरे सेशन में एफपीओ से जुड़े किसानों से चर्चा हुई. एफपीओ की फेडरेशन से जुड़े सदस्यों ने भी अपने सुझाव दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की चर्चा में जो सुझाव आए हैं, उन्हें बजट में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के लिए खास तौर पर काम कर रही है. सरकार इस बात पर विशेष ध्यान दे रही है कि किसान की आमदन कैसे बढ़े, किसान कैसे मजबूत हो. उन्होंने कहा कि हरियाणा की जीडीपी में 18 प्रतिशत योगदान कृषि क्षेत्र से है. हमारी सोच है कि किसानों के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जाएं जिससे छोटी जोत वाले किसान की अच्छी आमदनी ले पाएं. इसी कड़ी में ई-मंडी और दूसरे विकल्प बनाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पहले पैदावार को मंडी में ले जाना चुनौती भरा काम था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आज देश और प्रदेश में सड़क-रेल कनेक्टिविटी का नेटवर्क मजबूत हुआ है. अब फसल को इस एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना आसान हो गया है. पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने तरक्की की है. आज हम किसानों के लिए नई नई पहल कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों के लिए सरकार ऑर्गेनिक खेती को आगे बढ़ा रही है. उन्होंने ऑर्गेनिक खेती की दिशा में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी तारीफ की.
मुख्यमंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि किसान फसल विविधीकरण को अपनाएं. परंपरागत खेती की बजाय विविधीकरण से किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं. साथ ही, किसान मोटे अनाज के उत्पादन को भी बढ़ावा दें. प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज को विश्व पटल पर पहुंचाने के लिए प्रयास किए हैं.
उन्होंने इस दौरान हिसार के स्याहड़वा में होने वाली स्ट्रॉबेरी खेती का जिक्र करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के किसान स्ट्रॉबेरी के लिए बहुत काम कर रहे हैं. इसी प्रकार से सिरसा के एरिया में किन्नू होते हैं. उन्होंने कहा कि किसान को इस प्रकार की परंपरागत खेती से हट कर कुछ अलग करना होगा, तभी किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के वर्ष 2025-26 के आम बजट से संबंधित सुझाव के लिए प्रदेश सरकार ने पोर्टल बनाया है. इस पोर्टल पर आम नागरिक और प्रगतिशील किसान या एफपीओ से जुड़े प्रतिनिधि अपने सुझाव दे सकते हैं. इन सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ साकेत कुमार, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे.
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