फिंगर मिलेट के उत्पादन में ओडिशा धीरे-धीरे अग्रणी राज्यों की सूची में शामिल हो रहा है. आंकड़ों के मुताबिक ओडिशा में पांच सालों में रागी का उत्पादन दोगुना हो गया.साल 2017-18 में ओडिशा मे रागी का एक लाख मिट्रिक टन था. वहीं 2022-23 में राज्य में 2.26 लाख मिट्रिक टन रागी का उत्पादन किया गया. उत्पादन के साथ-साथ पिछले पांच वर्षों में इसकी खेती का भी रकबा बढ़ा है. गौरतलब है कि भारत में अगर रागी उत्पादक राज्यों की बात करें तो कर्नाटक के बाद ओडिशा दूसरे नंबर पर आता है. ओडिशा मिलेट मिशन के कारण राज्य में इसके उत्पादन और उपभोग को लेकर राज्य के लोग काफी पोत्साहित भी हुए हैं. इसका असर रागी उत्पादन में दिख रहा है.
2018-19 के बाद से राज्य में लगातार रागी के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई. इस साल के 1.04 लाख टन के बाद 2019-20 में यह बढ़कर 1.28 लाख मीट्रिक टन हो गया. वहीं 2020-21 में राज्य में रागी का उत्पादन बढ़कर 1.37 लाख मीट्रिक टन हो गया.इसके बाद 2021-22 में उत्पादन बढ़कर 1.56 लाख मिट्रिक टन हो गया. रागी की उपज में बढ़ोतरी के पीछ राज्य में रागी की खेती के प्रति लोगों की जागरूकता और सरकारी प्रयास भी कारण रहा. इसके अलावा प्रति हेक्टेयर उपज में भी बढ़ोतरी हुई है. 2017-18 मे जहां बाजरा किसानों को 880 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर की उपज प्राप्त होती थी, वहीं 2022-23 में प्रति हेक्टेयर उपज बढ़कर 1268 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर हो गई.
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ओडिशा में रागी की प्रति हेक्टेयर उपज के साथ इसका आच्छादन क्षेत्र भी बढ़ा है. क्योंकि 2017-18 में राज्य में 1.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रागी की खेती की गई थी. वहीं पांच साल बाद 2022-23 में 1.79 लाख हेक्टेयर में रागी की खेती की खेती की गई थी. इतना ही नहीं राज्य सरकार ने राज्य में मोटे अनाज की खेती और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए शुरु किए गए ओडिशा मिलेट मिशन के तहत फंडिंग को भी बढ़ाया है. 2017-18 में जहां ओडिशा मिलेट मिशन पर राज्य सरकार का खर्च 11.4 करोड़ रुपये था वही 2022-23 में यह बढ़कर 293.3 करोड़ रुपये हो गया.
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इसके अलावा ओडिशा में बड़े पैमाने पर रागी की खरीद भी की जाती है. राज्य में उत्पादन में बढ़ने का यह भी एक बड़ी वजह है. 2022 में प्रदेश छह लाख क्विंटल रागी की खरीद की गई थी. इस साल राज्य में आठ लाख क्विंटल रागी की खरीद का लक्ष्य रखा गया है. ओडिशा में रागी पर एमएसपी भी दी जाती है. ओडिशा में रागी पर 3846 रुपये की एमएसपी दी जाती है. ओडिशा में मोटे अनाज की खेती के क्षेत्रफल की बात करें तो सबसे अधिक लगभग 85 फीसदी क्षेत्र में रागी की खेती की जाती है. जबकि बाकी 15 प्रतिशत में अन्य मोटे अनाजों की खेती की जाती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि राज्य भर के 117 प्रखंडों में दो लाख हेक्टेयर में 2.5 लाख हेक्टेयर में बाजरा की खेती कर रहे हैं.
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