शंभू बॉर्डर पर किसानों के रेल रोको आंदोलन का बड़ा असर रेलवे विभाग और मुसाफिरों पर देखने को मिल रहा है. नॉर्दर्न रेलवे के डीआरएम की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार किसान आंदोलन के चलते 201 ट्रेनों के रूट डायवर्ट कर दिए गए हैं और 139 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि 42 गाड़ियों को शॉर्ट टर्मिनेट कर दिया गया है. ट्रेनों को रद्द किए जाने का सीधा असर असर यात्रियों पर पड़ रहा है क्योंकि रद्द ट्रेनों में 88 पैसेंजर ट्रेनें हैं. इसके कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. माना जा रहा है कि अगर किसानों का रेल रोको आंदोलन लंबे समय तक चलता है तो फिर जरूरी वस्तुओं की सप्लाई पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है.
डीआरएम अंबाला की मानें तो पंजाब सरकार के कई सीनियर अधिकारी किसानों से लगातार बातचीत कर रहे हैं लेकिन इस बातचीत का कोई भी सकारात्मक हल नहीं निकल पा रहा है. किसानों के रेल रोको आंदोलन का सीधा असर फिलहाल रेल यात्रियों पर पड़ रहा है. यात्री अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर परेशान हो रहे हैं क्योंकि उन्हें ट्रेन नही मिल पा रही हैं. वहीं अमृतसर दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पहले ही बंद है जिसके चलते यात्रियों की मुसीबत दोगुनी हो गई है. हरियाणा-पंजाब के शंभु बॉर्डर पर किसान लंबे समय से डेरा लगाए बैठे हैं.
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किसानों की गिरफ्तारी और किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों से गुस्साए किसानों ने बीते तीन दिनों से शंभु बॉर्डर पर ट्रेनों को रोक दिया है. किसानों के इस रेल रोको आंदोलन का बड़ा असर पूरे नॉर्दर्न रेलवे पर पड़ता हुआ नजर आ रहा है. नॉर्दर्न रेलवे के डीआरएम की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार किसान आंदोलन के चलते 201 गाड़ियों के रूट डायवर्ट कर दिए गए हैं जबकि 139 गाड़ियों को रद्द कर दिया गया है. 42 गाड़ियों को शॉर्ट टर्मिनेट कर दिया गया है. रद्द की गई गाड़ियों का सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है. क्योंकि इनमें अधिकांश ट्रेनें पैसेंजर हैं जिनकी संख्या 88 है. इसके कारण यात्री परेशान हो रहे हैं.
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अंबाला डिवीजन के डीआरएम ने किसानों के आंदोलन पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर किसानों का रेल रोको आंदोलन लंबे समय तक चलता है तो फिर जरूरी वस्तुओं की सप्लाई पर इसका सीधा असर देखने के लिए मिलेगा. डीआरएम अंबाला की मानें तो पंजाब सरकार के कई सीनियर अधिकारी किसानों को मनाने में जुटे हुए हैं. उनसे लगातार बातचीत की जा रही है पर किसान किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं हैं और अब तक बातचीत का कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है. किसानों के रेल रोको आंदोलन के कारण ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके पास राजमार्ग का भी विकल्प बंद है. इसलिए वो जहां जाना चाहते हैं, नहीं जा पा रहे हैं.
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