अंबाला में किसान आंदोलन के दौरान मारे गए युवा किसान शुभकरण सिंह के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. अंबाला कैंट के शाहपुर मोहरा अनाज मंडी में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा के साथ ही शुभकरण सिंह की अस्थि कलश यात्रा संपन्न हो गई. मृतक किसान शुभकरण सिंह की अस्थि कलश यात्रा 16 मार्च को उनके गांव से शुरू की गई थी और यह हरियाणा के सभी जिलों के गांव-गांव तक गई थी. मोहरा अनाज मंडी में इस श्रद्धांजलि सभा का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया था. इसमें बठिंडा के रहने वाले 22 वर्षीय मृतक किसान को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में किसानों और महिलाओं ने भाग लिया.
21 फरवरी को युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत गोली लगने से हो गई थी. जब वे खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार शुभकरण सिंह के ऊपर 10 लाख रुपये का कर्जा था. उन्हें उम्मीद थी कि विरोध प्रदर्शन के जरिए अपनी मांग रखने पर सरकार उनकी मांग सुनेगी और उनका लोन माफ कर दिया जाएगा. इस उम्मीद के साथ हो इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. पर इस दौरान गोलीबारी हुई और एक गोली उनके सिर के पिछले हिस्से में आकर लगी जिससे उनकी मौत हो गई.
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श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करने के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि किसानों का यह विरोध देश को बचाने का आंदोलन है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह समझना चाहिए कि किसान संगठन देश और संविधान को बचाने के लिए कड़ा संघर्ष करेंगे. किसानों ने कहा कि पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले वादा किया था कि वे चुनाव जीतने के बाद किसानों का कर्ज माफ करेंगे. किसानों को कर्ज से मुक्त करेंगे. इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि वो 2023 तक देश के किसानों की आय दोगुनी कर देंगे. लेकिन इन वादों को बावजूद आज देश के किसानों को अपने अधिकार के लिए सड़कों पर संघर्ष करना पड़ रहा है.
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इस दौरान किसान यूनियनों ने अपने अधिकारों के लिए लड़ाई तेज करने पर जोर दिया. साथ ही सरकारी नीतियों की आलोचना की गई. श्रद्धांजलि सभा के दौरान एक बार फिर किसानों ने किसानों का कर्जमाफी और एमएसपी गारंटी कानून लागू करने की मांग दोहराई. साथ ही किसानों ने इस दौरान किसान आंदोलन के सामने पेश आ रही चुनौतियों का जिक्र किया और कहा कि इस बार किसान पीछे नहीं हटेंगे. जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी, तब तक वो डटे रहेंगे औऱ विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.
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