पंजाब के कई हिस्सों में शनिवार को बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई. इससे खेतों में खड़ी गेहूं को फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना है. साथ ही गेहूं उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि बारिश और तेज गति से हवा चलने की वजह से गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई. इससे फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचने की बात की जा रही है. बठिंडा के एक किसान ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण उनकी गेहूं की फसल की पैदावार प्रभावित होगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के बठिंडा, फाजिल्का, लुधियाना, पटियाला, अमृतसर और पठानकोट सहित कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई है. इस दौरान कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हुई. कई किसानों ने अफसोस जताया कि बारिश और तेज़ गति वाली हवाओं के कारण उनकी फसलें चौपट हो गईं, जिससे फसल की पैदावार प्रभावित होगी. इस बीच, शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल क्षति का आकलन करने के लिए 'गिरदवारी' का आदेश देने को कहा है.
शिरोमणि अकाली के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने राज्य के मालवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गेहूं की फसल को चौपट कर दिया है. यह उन किसानों के लिए दोहरा झटका है, जिन्होंने कुछ समय पहले ओलावृष्टि का सामना किया था. उन्होंने कहा कि सीएम भगवंत मान को गेहूं की फसल को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए गिरदावरी का आदेश देना चाहिए. साथ ही किसानों को तुरंत अंतरिम मुआवजा प्रदान करें.
वहीं, सुखबीर सिंह की पत्नी और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि मालवा क्षेत्र में आज एक महीने में दूसरी बार ओलावृष्टि हुई है. इसने पंजाब में बड़े पैमाने पर गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया है. जिन किसानों को पिछली फसल क्षति के लिए मुआवजा नहीं दिया गया है, उन्हें मुआवजा देना चाहिए. जब तक गिरदावरी का आदेश नहीं दिया जाता और पूरा नहीं हो जाता, तब तक तुरंत अंतरिम मुआवजा दिया जाए.
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