किसान आंदोलन 2.0 में जान फूंकने वाले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. इस बीच डल्लेवाल को सरकार के 7वें दौर की बातचीत के बाद 19 मार्च को पटियाला में पंजाब पुलिस की कार्रवाई में उठा लिया गया, जिसके बाद कल यानी रविवार को 119 दिनों से अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल को राज्य सरकार की ओर से जालंधर से वापस पटियाला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला लिया गया है. राज्य सरकार के इस फैसले से डल्लेवाल के समर्थकों सहित कई किसान हैरान हैं. वहीं, पंजाब सरकार खिलाफ SKM ने 28 मार्च को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.
पुलिस ने रविवार सुबह डल्लेवाल को पटियाला बस स्टैंड के पास एक अस्पताल में भर्ती कराया है. बता दें कि डल्लेवाल का अनशन रविवार को 118वें दिन में प्रवेश कर गया है. ऐसे में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए जाने से किसान यूनियन के सदस्य भी हैरान हैं, जिन्हें भरोसा है कि अब वे उनसे मिल सकेंगे.
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पटियाला भेजे जाने से पहले डल्लेवाल को जालंधर छावनी के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया था. 19 मार्च को पटियाला में किसानों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद उन्हें वहां रखा गया था. उन्हें जालंधर अस्पताल में रखने के फैसले को एक सोची-समझी योजना के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों की इस इलाके में मौजूदगी कम है. हालांकि, इन संगठनों का मालवा बेल्ट में कहीं ज़्यादा प्रभाव है, इसलिए डल्लेवाल को पटियाला अस्पताल में शिफ्ट करना कई लोगों के लिए एक चौंकाने वाला कदम है.
डल्लेवाल से जुड़े किसान यूनियन नेताओं ने पहले दावा किया था कि वह पानी नहीं पी रहे हैं और अब उनसे कोई संपर्क नहीं है, क्योंकि पुलिस ने उनके नेता के पास मौजूद फोन छीन लिए हैं. वहीं, पंजाब पुलिस का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने को तैयार नहीं है. इस बीच, आंदोलनकारी किसान यूनियन के सदस्यों ने शंभू और खनौरी से किसानों को बेदखल किए जाने के विरोध में ग्रामीण इलाकों में आप सरकार का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस बीज 5 मार्च और 19 मार्च को किसान यूनियनों पर की गई दो कार्रवाई को देखते हुए, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने 28 मार्च को किसानों द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. रविवार को जारी एक बयान में एसकेएम नेताओं ने कहा, “संघ की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने किसानों से पुलिस दमन के खिलाफ शुक्रवार को सभी जिलों में प्रदर्शन करने का आह्वान किया है. बता दें कि एसकेएम ने किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) सहित सभी कृषि संगठनों से भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने और “ सरकार के खिलाफ एकजुट होने” का आह्वान किया है.
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