Jagjit Dallewal: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. किसान अपनी मांगों को लेकर ‘दिल्ली कूच’ पर भी लगातार अड़े हुए हैं. वहीं, खनौरी बॉर्डर पर पिछले 20 दिन से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है. डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बेहद नाजुक है और स्थिति कभी भी हाथ से निकल सकती है. साथ ही डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है.
आज सुबह केंद्रीय गृह मंत्रालय के उच्चाधिकारी और पंजाब के डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी जगजीत सिंह डल्लेवाल का हालचाल जानने के लिए खनौरी बॉर्डर पहुंचे. उन्होंने जगजीत सिंह डल्लेवाल से कहा कि आपकी तबियत ज्यादा खराब है इसलिए आप जरूरत पड़ने पर मेडिकल इलाज ले लीजिएगा, इसके जवाब में जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि मेरी ज़िंदगी से ज्यादा कीमती उन 7 लाख किसानों की जिंदगियां थी, जिन्होंने सरकारों की गलत नीतियों के कारण आत्महत्या कर ली.
डल्लेवाल ने कहा कि उन बिना माता-पिता के बच्चों की जिंदगियां मेरी ज़िंदगी से ज्यादा कीमती है. यदि केंद्र सरकार सच में मेरी ज़िंदगी को लेकर इतनी ही चिंतित है, तो हमारी मांगों को पूरा कर दे जिस से किसानों की आत्महत्या बंद हो जाए.
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वहीं, कल सभी राज्यों में जिला और तहसील स्तर पर बड़े-बड़े ट्रैक्टर मार्च किए जाएंगे और उसके बाद एसडीएम और डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा लिखित चिट्ठी भेजी जाएगी. आज पहलवान विनेश फोगाट, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी, खापों के प्रधान और अन्य सम्मानित राजनैतिक और सामाजिक लोग जगजीत सिंह डल्लेवाल का हालचाल जानने के लिए पहुंचे थे, जिनका दोनों मोर्चों की तरफ से स्वागत और सत्कार किया गया.
डल्लेवाल का कहना है कि वे अपने किसान समाज को उसके हक दिलाने के लिए अपनी कुर्बानी देने को तैयार हैं और अगर सुप्रीम कोर्ट सच में उनकी ज़िंदगी को लेकर इतना ही गंभीर है तो केंद्र सरकार को आदेश जारी करे कि किसानों की मांगें जल्द से जल्द पूरी करे. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कुछ दिनों पहले कहा था कि अगर केंद्र सरकार ने किसान मोर्चों के ऊपर हमला किया और किसी का एक बूंद खून भी बहा तो उसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की होगी. वहीं शनिवार को जब 101 किसानों का जत्था शांतिपूर्वक तरीके से शंभू बॉर्डर से दिल्ली जाने के लिए पैदल चला तो उसके ऊपर हरियाणा सरकार ने बल प्रयोग किया, जिसमें 15 किसान घायल हो गए.
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "मैं पंजाब के लोगों से 18 दिसंबर को 'रेल रोको' आंदोलन में भाग लेने की अपील करना चाहता हूं. हम पंजाब के सभी 13,000 गांवों के लोगों से अनुरोध करते हैं जो रेलवे पटरियों के पास रहते हैं कि वे अपने निकटतम रेलवे क्रॉसिंग और रेलवे स्टेशनों को 12 से 3 बजे तक बंद करें."
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