भारत में डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है. क्योंकि देश में डेयरी उद्योग में वृ्द्धि के संकेत मिल रहे हैं. इसका फायदा डेयरी कारोबार से जुड़े लोगों को होगा. क्रिसिल रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि मूल्य संवर्धित उत्पादों (वीएपी) की बढ़ते उपभोग से दूध की मांग को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा अच्छे मानसून की संभावनाओं से दूध की पर्याप्त आपूर्ति को बढ़ावा मिलेगा. बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के डेयरी उद्योग को इस वित्त वर्ष में 13-14 प्रतिशत की अच्छी राजस्व वृद्धि देखने को मिलेगी, क्योंकि कच्चे दूध की आपूर्ति में सुधार के साथ-साथ मजबूत उपभोक्ता मांग जारी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे दूध की आपूर्ति में बढ़ोतरी हुई इसके कारण इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों की वर्किंग कैपिटल की आवश्यकता भी बढ़ जाएगी. हालांकि अगले दो वित्त वर्षों में संगठित डेयरियों द्वारा जारी पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के परिणामस्वरूप उनका लोन बढ़ सकता है पर उनका बैलेंस शीट मजबूत रहने के कारण क्रेडिट प्रोफाइल पर असर नहीं होगा. वहीं 2-4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के बीच, डेयरी उद्योग के राजस्व में 9-11 प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि पर वृद्धि देखी जा रही है. क्रिसिल रेटिंग्स के मोहित मखीजा ने कहा, "होटल, रेस्तरां और कैफे (होरेका) सेक्शन में वीएपी और लिक्विड दूध की बढ़ती बिक्री भी वित्त वर्ष 25 में 13-14 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि हासिल करने में सहयोग करगेगी.
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रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं की मांग भी बढ़ेगी, मांग मजबूत होगी उसके अनुसार कच्चे दूध की आपूर्ति भी मजबूत होगी. उम्मीद की जा रही है कि वित्त वर्ष 2025 में कच्चे दूध की आपूर्ति 5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. क्योंकि इस वित्त वर्ष में मॉनसून के दौरान अच्छी बारिश हो रही है, इससे पशुओं को खाने के लिए पर्याप्त हरा चारा मिल जाएगा, जो पूरे साल उपलब्ध रहेगा. इससे दूध का उत्पाद बढ़ेगा और आपूर्ति सुनिश्चित होगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस साल कृत्रिम गर्भाधान और टीकाकरण प्रक्रियाओं पर भी खासा जोर दिया जा रहा है इससे भी दूध की उपलब्धता को और बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि पहले इस प्रक्रिया में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.
इतना ही नहीं क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि देशी नस्लों में आनुवंशिक सुधार और अधिक उपज देने वाली नस्लों की प्रजनन दर में वृद्धि हुई है. ऐसे और भी और भी कई उपाय किए गए हैं . इससे दूध की आपू्र्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसमें कहा गया है कि दूध खरीद की स्थिर कीमतें यह दिखा रही है कि डेयरी को लाभ हो रहा है, जो अच्छा संकेत हैं. इससे इस वित्तीय वर्ष में डेयरियों की परिचालन लाभप्रदता 40 आधार अंक बढ़कर 6 प्रतिशत होने की उम्मीद है. क्रिसिल रेटिंग्स की एसोसिएट निदेशक रुचा नारकर ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में डेयरियों की आय और लाभ में सुधार होगा, लेकिन ऋण स्तर में भी वृद्धि होने की उम्मीद है. जिसके मुख्यतः दो कारण हैं.
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पहला कारण गिनाते हुए उन्होंने कहा कि फ्लश सीजन के दौरान दूध की अच्छी आपूर्ति के परिणामस्वरूप स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) का भंडार बढ़ेगा, जिसका उपयोग वर्ष के शेष समय में किया जाएगा. रुचा नारकर ने कहा कि एसएमपी इन्वेंट्री आमतौर पर डेयरियों के कार्यशील पूंजी ऋण का 75 प्रतिशत होती है, दूसरा, दूध की निरंतर मांग के लिए नए दूध की खरीद, दूध प्रसंस्करण क्षमताओं और वितरण नेटवर्क के विस्तार के लिए लोन की मांग बढ़ेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यशील पूंजी और पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त लोन लेने के बाद भी कम लोन के कारण लोन प्रोफाइल स्थिर बने रहने की उम्मीद है.
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