छत्‍तीसगढ़ में ईडी ने राइस मिलर के घर पर मारा छापा, 140 करोड़ से ज्‍यादा का हो सकता है घोटाला

छत्‍तीसगढ़ में ईडी ने राइस मिलर के घर पर मारा छापा, 140 करोड़ से ज्‍यादा का हो सकता है घोटाला

Rice Miller ED Raid: छत्तीसगढ़ में 140 करोड़ के कस्टम मिलिंग घोटाले पर ईडी की बड़ी कार्रवाई करते हुए राइस मिलर सुधाकर रावटे के घर छापा छापा मारकर संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त की तलाश में जुट गई.

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छत्‍तीसगढ़ में ईडी ने राइस मिलर के घर पर मारा छापा, 140 करोड़ से ज्‍यादा का हो सकता है घोटालाराइस मिलर के घर पर ईडी ने मारा छापा

छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित 140 करोड़ रुपये के कस्टम मिलिंग घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. गुरुवार को सुबह करीब 6 बजे ईडी की चार सदस्यीय टीम ने भिलाई के हुडको इलाके में स्थित एक राइस मिलर सुधाकर रावटे के घर दबिश दी. टीम ने घर को चारों ओर से घेरकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों और लेन-देन से जुड़े कागजों की छानबीन शुरू कर दी. इस दौरान टीम ने कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं.

कई बड़े नामों के खुलासे की संभावना

माना जा रहा है कि इस कार्रवाई के बाद घोटाले में और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है. इससे पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस घोटाले में मुख्य आरोपी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और रायपुर के होटल कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था. दोनों से पूछताछ में मिले इनपुट्स के आधार पर ही ईडी ने भिलाई में छापा मारा है.

ईडी को कई अहम सुराग मिले

सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में कई अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत के अहम सुराग मिले हैं, जिनके चलते यह रेड की गई. ईडी की छह सदस्यीय टीम ने दुर्ग जिले के भिलाई स्थित हुडको सेक्टर के सुधाकर रावटे के घर दबिश दी है. टीम सुधाकर रावटे से पूछताछ के साथ कस्टम मिलिंग स्कैम से जुड़े दस्तावेजों को खंगाल रही है. ईडी की छह सदस्यीय टीम दो गाड़ियों में सवार होकर सुबह-सुबह हुडको स्थित सुधाकर रावटे के घर पहुंच गई. कस्टम मिलिंग मामले में ईडी की टीम प्रदेश के 10 अलग-अलग जिले में रेड जारी है.

फर्जी भुगतान का है आरोप

छत्तीसगढ़ सरकार हर साल किसानों से धान की खरीदी करती है और उसे चावल में बदलने के लिए मिलर्स को देती है. तय शर्तों के मुताबिक, धान की मिलिंग करने पर मिलर्स को भुगतान किया जाता है. आरोप है कि इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ. कई जगहों पर धान की मिलिंग कागजों पर ही दिखाकर भुगतान उठा लिया गया. इसके अलावा अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की गई. जांच एजेंसियों का कहना है कि इस घोटाले का पैमाना 140 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. (रघुनंदन पंडा की रिपोर्ट)

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