फसल बीमा का जल्द से जल्द भुगतान करने जैसी मांगें उठाई गईंउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किसानों और मजदूरों की महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसान इको गार्डन पहुंचे. इसी कड़ी में लखनऊ पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि वर्तमान में किसानों की फसलों को लूटा जा रहा है और उनकी जमीनों पर भी खतरा मंडरा रहा है. सर्किल रेट नहीं बढ़ रहा है. लखनऊ में तो कहा जाता है कि भुगतान हो गया है, लेकिन धरातल पर यह सच नहीं है. उन्होंने कहा कि महापंचायत के जरिए किसान इकट्ठा होकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाएंगे. किसानों के मुद्दों पर बात करना जरूरी है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी मांगें सुनवाई के योग्य हों."
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित 11 सूत्रीय ज्ञापन दिया गया. इसमें गन्ने का भाव 500 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करने, चीनी मिलों की ओर से किसानों का बकाया भुगतान करने, आवारा पशुओं से फसल को बचाने, किसान साधन सहकारी समितियों पर खाद बीज की उपलब्धता बरकरार रखने, फसल बीमा का जल्द से जल्द भुगतान करने जैसी मांगें उठाई गईं.
टिकैत ने कहा, भारतीय किसान यूनियन देशभर में कृषकों की समस्याओं को लेकर विगत 38 वर्षों से लगातार संघर्ष कर रही है. सरकारों के बदलने का क्रम केंद्र व प्रदेश में जारी है, लेकिन इस कृषक वर्ग का संघर्ष भी सरकार की बदलने की नीतियों के साथ में लगातार जारी है.
1. उत्तर प्रदेश में गन्ने का सत्र 2024-25 शुरू होने वाला है। बढ़ती हुई लागत व खर्च को देखते हुए गन्ने का भाव 500रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाए. प्रदेश की कुछ चीनी मिलों पर आज भी किसानों का करोड़ों रुपए बकाया है और सत्र शुरू होने वाला है. गन्ना मिल शुरू होने से पहले किसानों का भुगतान ब्याज सहित कराया जाए.
2. उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में वर्ष 2022 में आपने घोषणा पत्र जारी किया। जिसमें कहा कि प्रदेश के किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध करायी जाएगी, लेकिन विभाग के द्वारा जारी किए गए निर्देशों में शर्तों के आधार पर किसानों को बिजली दी जा रही है. साथ ही नये संयोजनों पर विद्युत मीटर का प्रावधान भी उन्हीं निर्देशों में शामिल है. अतः घोषणा पत्र में किए गए वायदों के अनुसार बिना शर्तों के प्रदेश के किसानों को सिंचाई की मुफ्त बिजली उपलब्ध करायी जाए और नलकूपों पर मीटर, स्मार्ट मीटर का कार्य प्रदेश में रोका जाए.
3. पॉवर कारपोरेशन के द्वारा विगत दिनों उत्तर प्रदेश नियामक आयोग को बढ़ी हुई दरों पर विद्युत संयोजन व बिजली के रेट के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से खारिज किया जाए और प्रदेश में बंद की गयी सामान्य योजना को पुनः लागू किया जाए. जिससे किसानों को राहत मिल सके.
4. उत्तर प्रदेश में लगभग सभी जनपदों में जारी की गयी रियल टाइम खतौनी में किसानों के अंश निर्धारण गलत हो गए हैं, जिससे किसान तहसीलों के चक्कर काट रहा है. इसे संज्ञान में लेते हुए तत्काल प्रभाव से गलत हुए अंशो को ठीक कराया जाए.
5. उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं व जंगली जानवर किसानों पर खेतों में हमला कर रहे हैं। जिससे प्रदेश के कई जनपदों में किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी. आवारा पशुओं व जंगली जानवरों किसानों को निजात दिलाई जाए. मृतक किसानों के परिवारों को 50 लाख मुआवजा व एक सरकारी नौकरी दी जाए व किसानों को अपने खेतों में इनसे बचने के लिए तारबंदी की अनुमति दी जाए साथ ही उन्हें अनुदान उपलब्ध कराया जाए.
6. प्रदेश में फसल बुआई से पहले किसानों को उर्वरक खाद इत्यादि लेने में लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ता है, जिसमें किसानों की जान भी चली गयी. अतः सहकारी समितियों पर समय रहते व्यवस्थित तरीके से किसानों को उर्वरक खाद व बीज उपलब्ध कराया जाए.
7. उत्तर प्रदेश में किसानों का सभी तरह का कर्ज पूर्ण रूप से माफ किया जाए. साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रचार-प्रसार करते हुए सरल ढंग से किसान हितों में संशोधित किया जाए.
8. खेती- किसानी में इस्तेमाल होने वाले सभी यन्त्रों व पेस्टीसाईडस को जीएसटी मुक्त किया जाए. प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर एमएसपी को गारंटी कानून बनाने की मांग करें.
9. प्रदेश में सूखे व अत्यधिक वर्षा से आयी बाढ़ के कारण बर्बाद हुई फसलों का मैदानी सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए.
10. प्रदेश में भूमि अधिग्रहण में अधिग्रहीत की गई जमीनों का बाजार मूल्य का 4 गुना मुआवजा किसानों को दिया जाए.
11. प्रदेश में चल रहे गन्ना समिति के चुनाव में बहुत से जनपदों में गलत तरीके से प्रत्याशियों को चुनाव जिताया गया. इस धांधली की जांच कराते हुए उन सभी जनपदों के चुनाव की प्रक्रिया को निरस्त किया जाए.
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