केरल के अलाप्पुझा जिले में तेजी से बर्ड फ्लू फैल रहा है. इससे किसानों के साथ-साथ आम जनता के बीच भी दहशत का माहौल बना हुआ है. इसी बीच खबर है तमिलनाडु में अलाप्पुझा जिले से लगने वाली 12 सीमा चौकियों पर सतर्कता बढ़ा दी गई है. कहा जा रहा है कि H5N1 बर्ड फ्लू के कारण अलाप्पुझा में मौतों की रिपोर्ट के बाद, पशुपालन विभाग ने अनाइकट्टी, वालयार, वेलांदावाज़म, मेलबावी, मुल्ली, मीनाक्षीपुरम, गोपालपुरम, सेम्मनमपथी, वीरप्पागौंडनपुदुर, नादुप्पुनि, जमीन कलियापुरम और वडक्कडु जैसे 12 सीमा चौकियों पर 24 घंटे निगरानी बढ़ा दी है. केरल से आने वाली वाहनों को चेक किया जा रहा है.
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी चेक पोस्टों पर एक पशु चिकित्सक और चार अन्य कर्मचारियों तैनात किए गए हैं. पोल्ट्री मांस, अंडे और बत्तख ले जाने वाले वाहनों को रोकने और वापस करने के निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही केरल से राज्य में प्रवेश करने वाले अन्य वाहनों को फ्यूमिगेट और कीटाणुरहित करने के लिए स्प्रे करने का आदेश दिया गया है. यहां अधिकारियों ने कहा कि पोल्ट्री फार्मों से 432 नमूने उठाए गए हैं और उनकी जांच की गई है और उनमें बर्ड फ्लू का कोई निशान नहीं है.
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वहीं, केरल के स्वास्थ्य विभाग ने अलाप्पुझा में बर्ड फ्लू के प्रकोप के मद्देनजर एक कार्य योजना तैयार करने के लिए शुक्रवार को एक बैठक की. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि निगरानी बढ़ाकर और सुविधाओं की व्यवस्था करके निवारक उपाय किए गए हैं. मंत्री ने संक्रमण को लोगों तक फैलने से रोकने के उपायों पर जोर दिया. योजना के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों में बुखार और अन्य लक्षणों वाले लोगों पर दो सप्ताह तक विशेष निगरानी रखी जाएगी. इनकी जांच के लिए सरकारी अस्पतालों में सामान्य ओपी की जगह विशेष ओपी की व्यवस्था की जाएगी. जिस क्षेत्र में बर्ड फ्लू की सूचना मिली है, उसके 3 किमी के दायरे में बुखार सर्वेक्षण किया जाएगा और बर्ड फ्लू की अनुपस्थिति की पुष्टि के लिए स्वाब नमूनों का परीक्षण किया जाएगा.
आशा कार्यकर्ताओं और मैदानी स्तर के कर्मचारियों के नेतृत्व में मैदानी स्तर की गतिविधियों को मजबूत किया जाएगा. जो लोग एवियन इन्फ्लूएंजा से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आते हैं उन्हें संगरोध का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. इस क्षेत्र के 10 किमी के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में निगरानी मजबूत की जाएगी. किसी भी पक्षी की मौत की सूचना तुरंत दी जानी चाहिए. वन हेल्थ में प्रशिक्षित स्वयंसेवक भी शामिल होंगे. बैठक में अस्पताल की तैयारियों का भी आकलन किया गया.
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