राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जहां 3 सितंबर को हड़ताल और आमरण अनशन पर बैठे विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया था, वहीं उन तमाम संविदा कर्मियों को विभाग की ओर से बड़ी राहत दी गई है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि जिनकी सेवा समाप्त कर दी गई है, वे अब इस आदेश के विरुद्ध अपील अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकते हैं. वहीं विभाग की ओर से appealdlrs@gmail.com पर अपील अभ्यावेदन भेजने की बात कही गई है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार अपील अभ्यावेदन को लेकर बर्खास्त संविदा कर्मियों को भी विभिन्न माध्यमों से सूचित किया गया है. वहीं, संविदा कर्मी कार्यालय अवधि में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में उपस्थित होकर अपील अभ्यावेदन जमा कर सकते हैं. इसके अलावा संविदा कर्मी अपनी ईमेल आईडी से विभाग की ईमेल आईडी पर भी अपील अभ्यावेदन भेज सकते हैं. इसके साथ प्राप्त अभ्यावेदनों का त्वरित निष्पादन किया जाएगा. विभाग के इस निर्णय से राजस्व महाअभियान शुरू होते ही हड़ताल पर जाने के कारण बर्खास्त किए गए विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और विशेष सर्वेक्षण लिपिक वर्ग के संविदा कर्मियों को बड़ी राहत मिल सकेगी.
16 अगस्त से भूमि से जुड़ी त्रुटियों के सुधार को लेकर विभाग की ओर से राजस्व महाअभियान की शुरुआत की गई. वहीं, विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और विशेष सर्वेक्षण लिपिक वर्ग के संविदा कर्मी अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए. हालांकि, विभाग की ओर से 30 अगस्त तक संविदा कर्मियों को वापस काम पर आने का आदेश दिया गया था. फिर 3 सितंबर तक का मौका दिया गया. लेकिन उसके बाद जो संविदा कर्मी काम पर नहीं आए, ऐसे करीब 7500 कर्मियों को उनकी सेवा से विभाग ने मुक्त कर दिया. वहीं, लगभग 3295 संविदा कर्मी काम पर वापस आए, जिसके बाद विभाग की ओर से अपील अभ्यावेदन के जरिए उन्हें फिर से काम पर वापस आने को लेकर राहत दी गई है.
विभाग की ओर से जारी सूचना के आधार पर करीब 100 से अधिक संविदा कर्मियों ने काम पर वापस आने के लिए अपील कर दी है. वहीं, इस हड़ताल पर नजर रखने वाले कई जानकारों का मानना है कि विभाग द्वारा इस आदेश के बाद कई ऐसे संविदा कर्मी हैं, जो अपील कर सकते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि इस निर्णय के जरिए विभाग ने संविदा कर्मियों की हड़ताल समाप्त करने के लिए एक मास्टर स्ट्रोक खेला है.
हालांकि, बीते दिनों संविदा कर्मियों पर भाजपा कार्यालय घेराव के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जाना, फिर गर्दनीबाग धरना स्थल से आगे बढ़कर सड़कों पर उतरना और विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर आवाज उठाना और चुनावी साल ये सभी बड़े कारण रहे हैं. इन्हें ध्यान में रखते हुए विभाग ने संविदा कर्मियों को राहत देने का निर्णय लिया है. अब देखना होगा कि इस निर्णय के बाद कितने संविदा कर्मी वापस काम पर आते हैं और कितने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल जारी रखते हैं. लेकिन, अभी तक संविदा कर्मी जिन मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठें, उन मांगों को लेकर विभाग की ओर से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.
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