आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में मौसमी फलों के आने से आम जनता को इस भीषण गर्मी से काफी राहत मिल रही है. लोग गर्मी और लू से बचने के लिए बड़े स्तर पर, आइस सेब, तरबूज और खरबूज का सेवन कर रहे हैं. जिले के अंदर पिछले कुछ हफ्तों में आइस सेब, तरबूज, कटहल और नारियल पानी सहित मौसमी फलों की खपत काफी बढ़ गई है. इससे किसानों के साथ-साथ दुकानदारों को भी काफी फायदा हो रहा है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गुंटूर जिले में आइस सेब को अपने बेहतरीन स्वाद के कारण 'थाती मुंजुलु' के नाम से जाना जाता है. गर्मी के मौसम में यह लोगों की पहली पसंद है, क्योंकि यह काफी सस्ता होता है. इसके चलते आइस सेब लोगों के बजट के अनुकूल होता है. अभी इसकी कीमतें 50-70 रुपये प्रति दर्जन के बीच हैं. हालांकि, जिले में अभी आम के रेट में कोई गिरावट नहीं है. इसके बावजूद भी आम की बंपर सेलिंग हो रही है. लोग इस मौसमी फल का आनंद लेने के लिए कुछ अतिरिक्त पैसे खर्च करने को तैयार हैं. आम कीमतें किस्म के आधार पर 100-150 रुपये प्रति किलोग्राम तक होती हैं.
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हालांकि, फल विक्रेताओं का कहना है कि कुछ हफ्तों में आम की कीमतें कम हो सकती हैं, क्योंकि इस साल आम का बंपर उत्पादन होगा. ऐसे में आम की अतिरिक्त खेप जल्द ही बाजार में आएगी. यहां तक कि शहर के खुदरा विक्रेताओं ने भी हाल के दिनों में तेज बिक्री देखी है. खुदरा विक्रेता थोक बाजारों की कीमत से 20 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम अधिक कीमत पर उपज बेच रहे हैं.
इसी तरह इस भीषण गर्मी में तरबूज भी खूब पसंद किया जा रहा है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इसकी कीमत 20 रुपये से 30 रुपये प्रति किलोग्राम है. गुंटूर बाजार में फल विक्रेता डी रंगाडू कहते हैं कि भले ही गर्मियों के फलों की एक विस्तृत विविधता उपलब्ध है, लेकिन तरबूज हमेशा बाजार में अग्रणी रहता है. इसकी तासीर ठंडी होने के अलावा यह डिहाइड्रेशन के लिए एक अच्छा उपाय है.
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कई जूस की दुकानें और कैफे ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इन फलों के विभिन्न व्यंजनों को अपने मेनू में शामिल कर रहे हैं. लोग पहले की तुलना में अब अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हैं और ग्रीष्मकालीन पेय के रूप में शीतल पेय के बजाय फलों का रस पीना पसंद कर रहे हैं.
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