'सहकारी क्षेत्र में उन्नत व पारंपरिक बीजोत्पादन' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोले अमित शाह- देश के किसानों के पास पहुंचे असली बीज

'सहकारी क्षेत्र में उन्नत व पारंपरिक बीजोत्पादन' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोले अमित शाह- देश के किसानों के पास पहुंचे असली बीज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास के दुनिया भर में मिलेट को एक नई पहचान और नया बाजार मिला है. भारत इस मौके का फायदा उठा सकता है क्योंकि ज्वार, बाजरा और रागी के अच्छे किस्म के बीज सिर्फ भारत ही दे सकता है. दुनिया में और किसी देश के पास इसके बीज नहीं हैं.

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'सहकारी क्षेत्र में उन्नत व पारंपरिक बीजोत्पादन' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोले अमित शाह- देश के किसानों के पास पहुंचे असली बीजसंगोष्ठी को संबोधित करते अमित शाह फोटोः एक्स, अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) के द्वारा आयोजित 'सहकारी क्षेत्र में उन्नत व पारंपरिक बीजोत्पादन' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है. इसके तहत कई प्रकार के प्रभावशाली कदम उठाए जा रहे हैं. श्री अन्न का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास के दुनिया भर में मिलेट को एक नई पहचान और नया बाजार मिला है. भारत इस मौके का फायदा उठा सकता है क्योंकि ज्वार, बाजरा और रागी के अच्छे किस्म के बीज सिर्फ भारत ही दे सकता है. दुनिया में और किसी देश के पास इसके बीज नहीं हैं. ऐसे में भारत इसे बीज के बाजार और अन्य उत्पादों पर अपनी मोनोपॉली स्थापित कर सकता है. इसमें कॉपरेटिव अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि आज एक प्रकार से देश के किसान, देश की सहकारिता आंदोलन औऱ देश के अन्न उत्पादन की दृष्टि में एक महत्वपूर्ण दिन है. उन्होंने कहा कि कोई भी शुरुआत कहां जाकर रुकती है यह कहना मुश्किल होता है. उन्होंने अमूल डेयरी का उदाहरण देते हुए बताया कि गुजरात के आंणद कस्बे में त्रिभुवन दास पटेल ने 51 किसानों के साथ एक दुग्ध कॉपरेटिव की शुरुआत की थी, आज वो एक 60 हजार करोड़ की कंपनी है. उन्होंने कहा कि आज एक छोटी सी  शुरुआत आने वाले दिनों में भारत में बीज संरक्षण, बीज संवर्धन औऱ बीज अनुसंधान के क्षेत्र में बीज सहकारी समिति लिमिटेड का बड़ा योगदान रहने वाला है. 

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आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे परंपरागत बीज

देश के हर किसान को आज वैज्ञानिक रुप से तैयार किया गया बीज उपलब्ध नहीं है, इससे किसानों को नुकसान होता है साथ ही उत्पादन में कमी आती है. इसलिए हमारा प्रयास है कि देश के हर कोने में रहने वाल किसानों के पास प्रमाणित और असली बीज पहुंचे ताकि किसान अच्छे से खेती कर पाए और बेहतर उपज हासिल करें. इस कार्य में यह सहकारी संस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उन्होंने भारत के परंपरागत बीजों की गुणवत्ता को बताते हुए कहा कि इसकी बहुत बड़ी जरूरत है कि भारत के मीठे बीजों का संरक्षण किया जाए और हमारी आने वाली कई पीढ़ियों तक दिया जाए ताकि पोषण और स्वाद दोनों की हमारी आने वाली पीढ़ियों को मिल सकें. देश के कृषि वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए अमित शाह ने कहा कि अगर देश के वैज्ञानिकों को सही प्लेटफॉर्म दिया जाए तो वे दुनिया में सबसे अधिक उत्पादन देने वाला बीज तैयार कर सकते हैं. यह काम भी बीएसएसएल करेगी. 

बीज उत्पादन बढ़ाना कॉपरेटिव का उद्देश्य

वैश्विक बीज बाजार का जिक्र करते करते उन्होंने कहा कि विश्व में बीज निर्यात का बड़ा बाजार है जिसमें भारत की भागीदारी एक प्रतिशत से भी कम है. हमे इस बाजार में अपनी भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है. इन्ही उद्देश्यों के साथ इस कॉपरेटिव की स्थापना की गई है. भविष्य में यह देश के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी. उन्होंने कहा कि पैक्स के माध्यम से हर किसान अपने खेत में बीज उत्पादन कर सकेगा और उसके लिए समिति के जरिए बाजार उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि बीएसएसएल का लक्ष्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं है बल्कि ऐसे बीजों का उत्पादन करना है जिससे उपज बढ़ सके.

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भारत में बीज की जरूरत

भारत में हर साल 465 लाख क्विंटल बीज की जरूरत होती है जबकि सरकारी व्यवस्था से सिर्फ 165 लाख क्विंटल बीज का ही उत्पादन हो राता पाता है और कॉपरेटिव व्यवस्था से एक प्रतिशत से भी कम बीज आता है. अमित शाह ने कहा कि उनका मानना है कि इसका रेशियो बदलना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्राइवेट कंपनियों के बीज कम नहीं कर सकते हैं क्योंकि हर किसाने के पास बीज पहुंचाना है तो इससे तीन गुणा अधिक बीज चाहिए. इसलिए कॉपरेटिव के पास बीज उत्पादन बढ़ाने का एक बेहतर मौका है. 
 

 

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