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ड्रोन के इस्तेमाल से कैसे होगा फायदा और आएंगे बेहतर परिणाम, जारी की जाएगी एसओपी

ड्रोन के इस्तेमाल से कैसे होगा फायदा और आएंगे बेहतर परिणाम, जारी की जाएगी एसओपी

ड्रोन पर किए गए सफल परीक्षण के बाद जल्द ही इसके इस्तेमाल और सर्वोत्तम परिणाम हासिल करने को लेकर एक एसओपी जारी की जाएगी. कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय की तरफ से इसे तैयार किया जा रहा है.  यह पहली बार है कि यूएएस विभिन्न फसलों के लिए ड्रोन के उपयोग पर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और दिशानिर्देश तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है.

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ड्रोन कैसे करें इस्तेमाल (सांकेतिक तस्वीर) ड्रोन कैसे करें इस्तेमाल (सांकेतिक तस्वीर)

कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को लागातार बढ़ावा देने के लेकर कार्य किया जा रहा है. कृषि में इसके इस्तेमाल से होने वाले फायदे को लेकर भी लगातार शोध किया जा रहा है. बेंगलुरु के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय में भी ड्रोन के उपोयग को किए जा रहे परीक्षण का दौरा पूरा कर लिया गया है. इस परीक्षण के सकारात्मक नतीजे आए हैं. परीक्षण में यह बात सामने आई है कि अगर ड्रोन का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए को कीटनाशकों की मात्रा में 15 फीसदी तक की कमी आ सकती है साथ ही इसके रिजल्ट में 23 प्रतिशत तक सुधार हो सकता है. ड्रोन को लेकर यह प्रशिक्षण 10 अनुसंधान केंद्रों पर किए गए थे. परीक्षण के लिए लाल चना और बाजरा को चुना गया था. 

यूएएस बेंगलुरु के मुख्य वैज्ञानिक डॉ मूडलगिरियप्पा  ड्रोन का प्रशिक्षण करने के लिए सभई 10 अनुसंधान केंद्रों में 625 वर्ग मीटर के दो अलग-अलग भूखंडों में फसल लगाई गई. एक भूखंड में पारपंरिक स्प्रे का इस्तेमाल किया गया. जबकि दूसरे में ड्रोन का उपयोग किया गया. दोनों में अलग-अलग तरीके से कीटनाशकों का छिड़काव किया गया. इसमें पाया गया कि जब स्प्रे से छिड़काव किया गया तो इसकी दक्षता 65 प्रतिशत थी. जबकि ड्रोन से स्प्रे करने पर इसकी दक्षता 88 प्रतिशत दर्ज की गई. अध्ययन में सूखे के दौरान पत्तियों पर छिड़काव के लिए ड्रोन की दक्षता को रिकॉर्ड करना भी शामिल था़. इतना ही नहीं शोधकर्ताओं ने सर्वोत्तम दक्षता प्रदान करने वाली सही मात्रा निर्धारित करने के लिए कीटनाशकों की विभिन्न मात्राओं का परीक्षण किया है. 

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जल्द ही जारी की जाएगी एसओपी

ड्रोन पर किए गए सफल परीक्षण के बाद जल्द ही इसके इस्तेमाल और सर्वोत्तम परिणाम हासिल करने को लेकर एक एसओपी जारी की जाएगी. कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय की तरफ से इसे तैयार किया जा रहा है.  यह पहली बार है कि यूएएस विभिन्न फसलों के लिए ड्रोन के उपयोग पर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और दिशानिर्देश तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है. उल्लेखनीय है कि देश में किसान तेजी से ड्रोने के इस्तेमाल की तरफ बढ़ रहे हैं. खास कर कीटनाशकों के पत्तियों पर छिड़काव करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है पर इसके बाद भी राज्य के पास कृषि के लिए ड्रोन के उपयोग पर कोई नीति या दिशानिर्देश नहीं है जिसके कारण कई जगहों से ड्रोन के इस्तेमाल के बावजूद खराब फसल की खबरें आती हैं.

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एसओपी से मिलेंगे बेहतर परिणाम

एसओपी में यह बताया जाएगा की कितनी मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव करना है. साथ ही कितनी ऊंचाई से इसे छिड़काव किया जाना है और बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए कई और मापदंड तैयार किए जा रहे हैं. दक्कन हेराल्ड के अनुसार यूएएस के कुलपति डॉ. एसवी सुरेश ने कहा कि हम ड्रोन के इस्तेमाल से प्राप्त हुए डेटा का अध्ययन करेंगे और इसके बाद इसके इस्तेमाल की सिफारिश करेंगे. हालांकि कृषि में ड्रोन का उपयोग उपयोगी है, लेकिन उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक की मात्रा, हवा की दिशा के आधार पर जिस ऊंचाई से इसका छिड़काव किया जाना है,और ऐसे कई मापदंडों का निर्धारण करना है.बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए यह बहुत जरूरी है.