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इस देश में पड़ रही है इतनी भीषण गर्मी कि दूध से भी महंगी बिक रही बर्फ 

इस देश में पड़ रही है इतनी भीषण गर्मी कि दूध से भी महंगी बिक रही बर्फ 

भारत की तरह दुनिया के कई देश इस समय भयंकर गर्मी और लू से परेशान हैं. पश्चिमी अफ्रीकी देश माली भी इस समय भीषण गर्मी से जूझ रहा है. यहां पर तापमान ने पिछले साल रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं. हालत यह है कि यहां पर आइस क्‍यूब्‍स यानी बर्फ के टुकड़े किसी कीमती चीज की तरह हो गए हैं. बर्फ, ब्रेड और दूध से भी महंगी बिक रही है. बीबीासी की रिपोर्ट के मुताबिक यहां पर बेतहाशा पावर कट है और इस वजह से फ्रिज तक काम नहीं कर रहे हैं. 

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जलवायु परिवर्तन ने बिगाड़े माली के हालात जलवायु परिवर्तन ने बिगाड़े माली के हालात

भारत की तरह दुनिया के कई देश इस समय भयंकर गर्मी और लू से परेशान हैं. पश्चिमी अफ्रीकी देश माली भी इस समय भीषण गर्मी से जूझ रहा है. यहां पर तापमान ने पिछले साल रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं. हालत यह है कि यहां पर आइस क्‍यूब्‍स यानी बर्फ के टुकड़े किसी कीमती चीज की तरह हो गए हैं. बर्फ, ब्रेड और दूध से भी महंगी बिक रही है. बीबीासी की रिपोर्ट के मुताबिक यहां पर बेतहाशा पावर कट है और इस वजह से फ्रिज तक काम नहीं कर रहे हैं. 

फ्रिज बने डिब्‍बा

 आइस क्‍यूब महंगी बिक रही है क्योंकि लोगों को खाने-पीने का सामान सुरक्षित रखने के अलावा घर में ठंडक बनाए रखने के लिए बर्फ के टुकड़ों का ही सहारा लेना पड़ रहा है. बमाको में इन दिनों पारा चढ़कर 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. कुछ जगहों पर एक पैकेट आइस क्यूब्स की कीमत करीब एक डॉलर तक पहुंच गई है. यहां के लोगों की मानें तो यह काफी महंगी है.  राजधानी बमाको में आइस क्यूब्स की इस कीमत ने उसे ब्रेड से महंगा आइटम बना दिया है. कभी-कभी तो पूरे दिन ही बिजली गुल रहती है. इस वजह से खाना खराब हो जाता है और आपको उसे फेंकना पड़ता है. माली में बिजली की समस्या की शुरुआत लगभग साल भर पहले हुई थी.

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48 डिग्री तक पहुंचा तापमान 

बिजली नहीं होने की वजह से रात को पंखे नहीं चल पा रहे हैं. मजबूर होकर लोगों को घरों के बाहर सोना पड़ रहा है और इसका असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है. रात में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है जो बर्दाश्त के बाहर है. मार्च से ही माली के कुछ हिस्सों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है. इस गर्मी में 100 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. बच्चों और बुजुर्गों पर इसका खतरा ज्‍यादा है.

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क्‍लाइमेट चेंज ने बिगाड़े हाल 

कुछ इलाकों में एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद कर दिया गया है. मुस्लिम बहुल माली में रमजान के महीने के दौरान लोगों को रोजे न रखने की सलाह दी गई थी. ऐसा नहीं है कि गर्मी से केवल माली ही बेहाल है. पड़ोस के सेनेगल, गिनी, बुर्किना फासो, नाइजीरिया, निगेर और चाड जैसे देशों का भी यही हाल है.वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन के वैज्ञानिकों के मुताबिक़, इंसानी गतिविधियों की वजह से होने वाला जलवायु परिवर्तन इस भीषण गर्मी के लिए जिम्मेदार है. आने वाले हफ्तों में बमाको का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने वाला है इसलिए लोग ऐसे हालात में खुद को ढाल रहे हैं.