Butterfly Meet : छत्तीसगढ़ में 21 अक्टूबर से होगा तितलियों का अनूठा समागम

Butterfly Meet : छत्तीसगढ़ में 21 अक्टूबर से होगा तितलियों का अनूठा समागम

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार ने Nature and Environment Protection के प्रति जनसामान्य को जागरूक बनाने के लिए तमाम अनूठे उपायों को लागू करने पर जोर दिया है. इसके तहत पर्यावरण संतुलन में परोक्ष किंतु कारगर भूमिका निभाने वाली तितलियों से नई पीढ़ी की बढ़ रही दूरी को कम करने के लिए साय सरकार ने राज्य में Butterfly Meet का आयोजन किया है.

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Butterfly Meet : छत्तीसगढ़ में 21 अक्टूबर से होगा तितलियों का अनूठा समागमछत्तीसगढ़ में 21 अक्टूबर से बारनवापारा अभयारण्य में आयोजित होगी बटरफ्लाई मीट (सां‍केतिक फोटो)

बारिश के बाद सर्दी का मौसम आने से पहले रंग बिरंगी तितलियां वातावरण की रंगत को खुशनुमा बना देती हैं. मगर, आज की भागम भाग जिंदगी में किसी को इन तितलियों की सुध लेने की फुर्सत ही नहीं है. कुदरत के साथ भांति भांति की रंगीन तितलियों के बीच दो पल सुकून के बिताने का मौका छत्तीसगढ़ में आगामी 21 अक्टूबर से मिलेगा. राज्य के CM Sai के निर्देश पर सरकार ने 3 दिनों तक चलने वाले अपने तरह के अनूठे तितली समागम का आयोजन करने की तैयारी कर ली है. इस 'बटरफ्लाई मीट' का आयोजन किसी शहर के पार्क में नहीं, बल्कि राज्य के मशहूर Barnawapara Wildlife Sanctuary में 21 से 23 अक्टूबर तक होगा. इसमें भांति भांति की तितलियों को पहचानने और  समझने का मिलेगा मौका. यह अभयारण्य राज्य के बलौदाबाजार भाटापारा जिले में स्थित है.

जानेंगे तितली का महत्व

छत्तीसगढ़ के Forest Department एवं बारनवापारा अभ्यारण्य के संयुक्त तत्वाधान में 21 से 23 अक्टूबर तक तीसरे बटरफ्लाई मीट का आयोजन किया जाएगा. इसके माध्यम से प्रकृति प्रेमियों को तितलियों को करीब से जानने और समझने का मौका मिलेगा. इस दौरान Butterfly Expert, पर्यावरण के लिए इन तितलियों के महत्व को उजागर करने वाली अहम जानकारियां देंगे.

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इसमें शामिल होने के लिए प्रतिभागी छात्रों को 15 सौ रुपये एवं अन्य व्यक्तियों को 2 हजार रुपये पंजीकरण शुल्क देना होगा. इसमें 18 साल से 60 साल तक की आयु वाले लोग हिस्सा ले सकेंगे.

तितलियों की ये प्रजातियां दिखेंगी

वन विभाग के मुताबिक बारनवापारा अभयारण्य में 150 प्रजाति की तितलि‍यां पाई पायी जाती हैं. इनमें Wildlife Protection Act 1972 की पहली सूची में दर्ज तितलियों में क्रिमसन रोज (पैचीलौप्टा हेक्टर) और डनाइड इगली (हाइपो सिलिमस मिसीपस) के अलावा दूसरी सूची में दर्ज सिपोरा निरिसा, होगारा एनेक्स, यूक्रीशॉप्स सीनेजस, जेनेलिया लेपीडिया रपेला वरुणा,लैंपिडर्स बोइहन, तजुना शिप्स आदि प्रजाति की तितलियां शामिल हैं.

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इस अभयारण्य में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की छठी सूची में दर्ज सभी प्रजाति की तितलियां भी पाई जाती हैं. विगत तीन वर्षों से बारनवापारा अभयारण्य में 16 हाथियों का दल भी रह रहा है. इसके अलावा पिछले 8 महीने से एक बाघ ने भी इस अभयारण्य में अपना बसेरा बना लिया है. यह अभ्यारण्य नाम बार और नवापारा गांव से मिलकर बना है.

बारनवापारा अभयारण्य अपनी स्थापना के बाद से ही देश के हर हिस्से से पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है. अभयारण्य का कुल क्षेत्रफल 244.66 वर्ग किमी है. बालमदेही, जोंक और महानदी नदियाें का पानी इस अभयारण्य की प्यास बुझाता है. इस अभयारण्य में सागौन, साल के मिश्रित वन हैं.

अभयारण्य में स्थित बलार जलाशय में तमाम प्रजातियों के पक्षी और मछलियां पाई जाती हैं. यह अभयारण्य लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए Ecotourism को बढ़ावा देता है. यह अभयारण्य राज्य की राजधानी रायपुर से सड़क मार्ग से दो घंटे की दूरी पर स्थित है.

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