अपने गांव और परिवार की आजीविका को सहारा दे रहीं ड्रोन दीदी और लखपति दीदी इन दिनों देश भर में अपने हुनर का लोहा मनवा रही हैं. गांव में पली बढ़ी ये महिलाएं अब न केवल Drone Pilot बनकर Modern Farming को अंजाम दे रही हैं, बल्कि सरकार की थोड़ी सी मदद से आजीविका के अन्य साधन जुटा कर अपने गांव की 'लखपति दीदी' बन रही हैं. सरकार ने गांव की इन महिलाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने के बाद उन्हें देश के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व के रूप में स्वतंत्रता दिवस पर बतौर खास मेहमान आमंत्रित किया है. दिल्ली स्थित लाल किले के प्रांगण में आयोजित होने वाले इस समारोह में यूपी की 5 ड्रोन पायलट और 3 लखपति दीदी भी इन आमंत्रित अतिथियों में शामिल हैं. स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली पहुंचने के बाद इन दीदियों ने देश के साथ अपनी कामयाबी के अनुभव भी साझा किए.
इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के समारोह में यूपी की 8 दीदियां खास मेहमानों की कतार में नजर आएंगी. इनमें सीतापुर की ड्रोन दीदी सुनीता देवी के अलावा अमेठी की अंजना यादव, बिजनौर की अल्पना रानी, खीरी की नीता बाबा और वाराणसी की आशा देवी शामिल हैं.
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ड्रोन दीदी अंजना यादव ने कहा कि उन्हें Rural Development Ministry की ओर से जब दिल्ली आने का न्योता मिला, तब उनकी और उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इतना ही पूरा गांव आज उनके काम को लेकर गौरवान्वित महसूस कर रहा है. वाराणसी की लखपति दीदी सीमा देवी ने कहा कि गांव में सरकार की मदद से बने Self Help Group से जुड़ते समय उन्हें इस बात का कतई एहसास नहीं था कि एक दिन वे राष्ट्रीय पर्व पर सरकार की ओर से Special Invitee के रूप में बुलाई जाएगी. सभी दीदियों ने कहा कि समाज और सरकार की ओर से मिल रहे सम्मान से वे अभिभूत हैं.
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने NRLM के तहत अपने हुनर से सभी को चमत्कृत करने वाली यूपी की इन दीदियों को स्वतंत्रता दिवस समारोह में आमंत्रित करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय का आभार प्रकट किया. मौर्य ने कहा कि इससे पूरे प्रदेश और देश में गांव की महिलाओं को उनके सपनों की उड़ान भरने में प्रोत्साहन मिलेगा.
यूपी के ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि ये सभी दीदियां मिशन के अंतर्गत गठित SHGs की सक्रिय सदस्य हैं. ये आजीविका संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं.
उन्होंने बताया कि सीतापुर की ड्रोन दीदी सुनीता वर्मा साल 2013 में अपने गांव के ज्योति महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी. इसके बाद 2023 में उन्हें ड्रोन दीदी के रूप में चुना गया. इसके लिए वर्मा को ड्रोन पायलट बनने के लिए IFFCO द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. पिछले एक साल में उन्होंने 350 एकड़ से ज्यादा जमीन पर Crop Management से जुड़ी दवाओं का छिड़काव कर सैकड़ों किसानों को उन्नत खेती करने में मदद की. इतना ही नहीं, उन्हें इस काम से 40 हजार रुपये की आमदनी भी हुई है.
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प्रियदर्शी ने बताया कि सभी दीदियां 13 अगस्त को ही दिल्ली पहुंच गई थीं. वे 16 अगस्त तक दिल्ली प्रवास के दौरान दिल्ली दर्शन करने के अलावा विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने अनुभव भी देश के साथ साझा कर रही हैं. इस क्रम में राष्ट्रीय प्रसारण से जुड़े दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले टॉक शो में सुनीता वर्मा और वाराणसी की सीमा देवी ने शिरकत की. इस दौरान दोनों ने अपनी सफलता की कहानी को साझा किया.
वर्मा ने बताया कि वह ड्रोन दीदी बनने से पहले जिस समूह में काम कर रही हैं, वह Eco Friendly Products बनाने का काम करता है. इसमें समूह की दीदियां हर्बल गुलाल, पंचगव्य के दिये, हवन सामग्री, धार्मिक प्रतीक चिन्ह सहित अन्य उत्पाद बनाती हैं. साथ ही उनके समूह द्वारा गांव के सामुदायिक शौचालय की देखरेख का कार्य भी किया जाता है. इस प्रकार उनका समूह न केवल गांव की व्यवस्था को सुचारू बनाने में मददगार साबित हो रहा है, बल्कि इससे समूह की सदस्यों को अपनी आजीविका भी सुनिश्चित करने में मदद मिल रही है.
इस दौरान PM Modi के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की लखपति दीदी सीमा देवी ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि 2018 में वह अपने गांव के SHG से जुड़ी थीं. उनका समूह मशीन से दोना पत्तल बनाता है. शुरू में उन्होंने हाथ से दोना पत्तल बनाए. कुछ समय बाद सरकार की थोड़ी सी वित्तीय सहायता और अपनी बचत के पैसे जुटाकर दोना पत्तल बनाने की मशीन खरीदी. अब उनके समूह का काम बढ़ने से उनकी आमदनी इतनी बढ़ गई है कि वे लखपति दीदी बन गयीं. इसी क्रम में गांव की अन्य महिलाएं भी इस काम से जुड़कर स्वावलंबन की ओर अग्रसर हैं.
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