बाजारों में इस साल फिर से एमएसपी से ज्यादा गेहूं की कीमत हो सकती है. दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अपने गेहूं के लिए अधिक कीमत की उम्मीद करते हुए, पंजाब के किसान अपने अनाज का स्टॉक कर रहे हैं, ताकि बाद में वे इसे प्राइवेट खरीदारों को बेच सकें. पिछले साल भी, किसानों ने गेहूं के अनाज का स्टॉक किया था और चल रहे युद्ध के कारण अधिक लाभ कमाया था. वहीं, पंजाब के कुछ हिस्सों में पिछले महीने बारिश और ओलावृष्टि से राज्य के कई किसानों को पहले ही नुकसान हो चुका है.
ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि पंजाब के किसान गेहूं का स्टॉक क्यों कर रहे हैं. इससे उनको क्या फायदा होगा-
दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक किसान ने कहा कि, हमें बेमौसमी बारिश के कारण नुकसान हो रहा है, क्योंकि गेहूं की उपज घटने की उम्मीद है. इसलिए, मैंने इस बार अनाज को एमएसपी से अधिक कीमत पर बेचने के लिए अधिक स्टॉक करने का फैसला किया है. पिछले साल प्राइवेट खरीदारों ने 2,700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीदा था. इस बार एमएसपी 2,125 रुपये प्रति क्विंटल है. हालांकि, उपज में कमी के कारण हुए नुकसान की भरपाई प्राइवेट खरीदारों से की जा सकती है. इस वजह से जो किसान पहले अनाज का स्टॉक करते थे, उन्होंने ज्यादा स्टॉक करने का फैसला किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ किसानों ने तो सामान्य से दोगुनी मात्रा का स्टॉक भी कर लिया है. हालांकि, लोन के कारण सीमांत किसानों के लिए अनाज का स्टॉक करना लगभग असंभव है. दूसरी फसल बोने में सक्षम होने के लिए उन्हें अपनी उपज बेचनी होगी. यहां तक कि कुछ बड़े किसानों ने गोदामों की क्षमता के आधार पर गेहूं का स्टॉक करना शुरू कर दिया है.'
इसे भी पढ़ें- Mango Variety: EMI पर बिकता है ये आम, आखिर क्यों हैं इसके इतने दाम, जानें पूरी बात?
एक किसान राजिंदर ने कहा कि उनके गांव में 12 किसान थे जिनके पास अनाज रखने का जगह था. मैं 10 एकड़ में खेती कर रहा हूं. मैंने अपना आधा गेहूं बेच दिया है और शेष आधा निजी दुकानदारों को बेचने के लिए रख लिया है.
इसके अलावा, मलेरकोटला के बुर्ज गांव के किसान उमैर ने कहा कि उन्होंने पिछले साल भी गेहूं का स्टॉक किया था. उन्होंने कहा, "इस बार फिर से हमने अपनी आधी जमीन पर उत्पादित गेहूं को स्टोर करने और शेष आधे को अनाज मंडियों में बेचने की व्यवस्था की है." वहीं, पटियाला जिला मंडी अधिकारी (डीएमओ) अजयपाल ने कहा, “किसानों को गेहूं स्टॉक करने के फायदे और नुकसान पर गौर करना चाहिए. जिनके पास जगह कम है वे अपना अनाज उतार रहे हैं. पटियाला जिले में पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी अधिक गेहूं की आवक हुई है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today