चना दाल के बाद अब सस्ती कीमतों पर मूंग बेचेगी सरकार, महंगाई से राहत दिलाने की कवायद

चना दाल के बाद अब सस्ती कीमतों पर मूंग बेचेगी सरकार, महंगाई से राहत दिलाने की कवायद

लोगों को सस्ती दरों पर मूंग दाल दिया जा रहा है. जहां मूंग दाल 107 रुपये किलोग्राम और कच्ची दाल 93 रुपये किलोग्राम पर बेचा जा रहा है. वर्तमान में किसानों की सहकारी संस्था नाफेड के पास 0.1 मीट्रिक टन के बफर के मुकाबले 0.5 मिलियन टन (एमटी) मूंग का स्टॉक है.

Advertisement
चना दाल के बाद अब सस्ती कीमतों पर मूंग बेचेगी सरकार, महंगाई से राहत दिलाने की कवायदRelief in prices of moong dal

बढ़ती महंगाई ने न सिर्फ लोगों को आर्थिक रूप से परेशान कर दिया है. बल्कि ये लगातार लोगों के घरेलू बजट को बिगाड़ रहा है. जिसके कारण लोगों की घरेलू चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसी कड़ी में  बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार रियायती दर पर गेहूं का आटा, चना और प्याज की बिक्री शुरू करने के बाद, सरकार ने विभिन्न एजेंसियों की खुदरा दुकानों पर सस्ती दर पर मूंग दाल की बिक्री शुरू कर दी है. इससे पहले सरकार ने इस स्कीम में चना दाल को भी शामिल किया था.

सूत्रों ने एफई को बताया कि मूंग दाल किसानों की सहकारी संस्था नेफेड के खुदरा दुकानों पर 15 रुपये प्रति किलोग्राम की छूट पर बेची जा रही है. यह राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और केंद्रीय भंडार के कई अन्य आउटलेट और मोबाइल वैन पर लोगों के लिए उपलब्ध होगी.

सस्ते दामों पर उपलब्ध मूंग दाल

लोगों को सस्ती दरों पर मूंग दाल दिया जा रहा है. जहां मूंग दाल 107 रुपये किलोग्राम और कच्ची दाल 93 रुपये किलोग्राम पर बेचा जा रहा है. वर्तमान में किसानों की सहकारी संस्था नाफेड के पास 0.1 मीट्रिक टन के बफर के मुकाबले 0.5 मिलियन टन (एमटी) मूंग का स्टॉक है. अधिकारी ने कहा कि नेफेड थोक बाजार के साथ-साथ खुदरा दुकानों के माध्यम से भी मूंग दाल और चना दाल की बिक्री जारी रखेगा.

सस्ते दामों पर दी गई चना दाल

जुलाई में, सरकार ने उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर दालें उपलब्ध कराने के लिए भारत दाल ब्रांड नाम के तहत खुदरा पैक में 60 रुपये प्रति किलोग्राम पैक और 30 किलोग्राम पैक के लिए 55 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दरों पर चना दाल की बिक्री शुरू की थी.

ये भी पढ़ें: भारत के बैन का दर्दनाक असर, अब बांग्लादेश को 10 देशों से मंगाना पड़ रहा है प्याज

दलहनी फसलों के दामों में हुई वृद्धि

दलहन में महंगाई इस साल अक्टूबर में 18.7% से बढ़कर नवंबर में 20.23% हो गई. पिछले महीने मूंग और चना दालों की कीमत 13.33% और 13.5% की वृद्धि दर्ज की गई. पिछले महीने, सरकार ने उपभोक्ताओं को ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए देश भर में 'भारत आटा' ब्रांड नाम के तहत 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर गेहूं के आटे की बिक्री शुरू की थी.

2024 तक एजेंसियों को मिला इतना अनाज

अब तक, केंद्रीय भंडार, किसान सहकारी समितियों नेफेड और एनसीसीएफ द्वारा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से 84,519 टन गेहूं को 'भारत आटा' में परिवर्तित करने के लिए एमएसपी दर पर उठाया गया है. निगम ने जनवरी 2024 तक इन एजेंसियों को 0.4 मीट्रिक टन अनाज आवंटित किया है.

बफर स्टॉक से बेचे जा रहे प्याज

नेफेड और एनसीसीएफ वर्तमान में विभिन्न शहरों में उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दर पर बफर स्टॉक से प्याज बेच रहे हैं. दोनों एजेंसियों ने किसानों से ज्यादातर रबी फसल से 0.51 मीट्रिक टन प्याज खरीदा था और अब तक 0.27 मीट्रिक टन खुदरा हस्तक्षेप के माध्यम से बेचा गया है. नवंबर में खुदरा प्याज की महंगाई दर 86.46% बढ़ गई. दोनों एजेंसियां किसानों से 0.2 मीट्रिक टन खरीफ प्याज खरीदेंगी और इसे थोक और खुदरा हस्तक्षेप के माध्यम से बेचेंगी.

POST A COMMENT