कृषि निर्यात में भारी गिरावट, 5 बिलियन डॉलर पर पहुंचा कारोबार, ये है वजह

कृषि निर्यात में भारी गिरावट, 5 बिलियन डॉलर पर पहुंचा कारोबार, ये है वजह

इस वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान, बासमती चावल का निर्यात 13 प्रतिशत बढ़कर 1.03 बिलियन डॉलर हो गया. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय प्रमुख बाजारों में गैर-टैरिफ बाधाओं (एनटीबी) की पहचान करने और उन्हें व्यवस्थित तरीके से निपटाने के लिए पोर्टल पर डालने पर भी काम कर रहा है.

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कृषि निर्यात में भारी गिरावट, 5 बिलियन डॉलर पर पहुंचा कारोबार, ये है वजहकृषि निर्यात में भारी गिरावट

सरकार के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कृषि निर्यात 3 प्रतिशत (साल-दर-साल) घटकर 5.88 अरब डॉलर रह गया है, जिसके कई कारण हैं जैसे लाल सागर संकट से माल ढुलाई की लागत प्रभावित होना, मक्का की वैश्विक कीमतों में गिरावट और चावल पर निर्यात प्रतिबंध. दरअसल, एपीडा के तहत अनुसूचित उत्पादों के निर्यात के विश्लेषण से पता चलता है कि कृषि उत्पादों के समग्र निर्यात में गिरावट मुख्य रूप से विनियमित वस्तुओं के निर्यात में गिरावट के कारण है क्योंकि गैर-विनियमित वस्तुओं के निर्यात में ज्यादातर अप्रैल-मई 2024 की अवधि में वृद्धि हुई है.

12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-मई 2024 में गैर-विनियमित कृषि उत्पादों के 23 समूहों का निर्यात 3 प्रतिशत बढ़कर 3.38 अरब डॉलर हो गया है.

ताजा और प्रसंस्कृत सब्जियां और फल, दालें, डेयरी उत्पाद, अल्कोहल, पोल्ट्री उत्पाद और फूलों की खेती. तीन विनियमित समूह, जिनमें गैर-बासमती चावल, गेहूं और मिल्ड उत्पाद शामिल है. वहीं, एपीडा ने अप्रैल-मई 2024 में निर्यात में 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जो 954 मिलियन डॉलर थी.

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गैर-बासमती चावल में गिरावट

इस वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान, बासमती चावल का निर्यात 13 प्रतिशत बढ़कर 1.03 बिलियन डॉलर हो गया. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय प्रमुख बाजारों में गैर-टैरिफ बाधाओं (एनटीबी) की पहचान करने और उन्हें व्यवस्थित तरीके से निपटाने के लिए पोर्टल पर डालने पर भी काम कर रहा है. शुक्रवार को एक ब्रीफिंग में वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि पूर्व-पोर्टरों द्वारा सामना की जाने वाली एनटीबी को रजिस्टर्ड करने और हल करने के लिए पोर्टल से हमें उन मुद्दों को हल करने के लिए किए गए सभी प्रयासों की निगरानी करने में भी मदद मिलेगी. उम्मीद है कि अगले 2-3 महीनों में हम इसे शुरू कर देंगे.

टास्क फोर्स रणनीति पर कर रही विचार

अग्रवाल की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स भी एनटीबीएस के लिए समाधान रणनीति पर विचार कर रही है. भारत से निर्यात की जाने वाली वस्तुएं जो एनटीबीएस के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हैं, उनमें मिर्च, चाय, बासमती चावल, दूध, मुर्गी, गोजातीय मांस, मछली. इसके अलावा यूरोपीय संघ को रासायनिक उत्पाद, तिल के बीज, ब्लैक टाइगर झींगा, दवाइयां, जापान को परिधान, खाद्य, मांस, मछली, डेयरी, चीन को औद्योगिक उत्पाद, अमेरिका को झींगा, और दक्षिण कोरिया को गोजातीय मांस शामिल हैं.

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