सर्च इंजन गूगल ने भारतीय किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी देने और फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए एग्रीकल्चरल लैंडस्केप अंडरस्टैंडिंग (ALU) टूल लॉन्च करने वाला है. बताया जा रहा है कि यह एक लिमिटेड अवेलेबिलिटी वाला टूल है जिसका मकसद खेती के तरीकों को डेटा पर आधारित करना है. गूगल की तरफ से इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. गूगल का कहना है कि यह AI प्लेटफॉर्म किसानों को हर तरह की विस्तृत जानकारी मुहैया कराएगा.
अखबार मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार जो जानकारियां इस प्लेटफॉर्म पर मिलेंगी वो भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए जरूरी हैं. इस प्लेटफॉर्म की मदद से हाई-रिजॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी, खेतों के बीच बॉउन्ड्री खींचने के लिए मशीन लर्निंग, सूखे की तैयारी, सिंचाई, बाजार तक पहुंच जैसी कई जानकारियों का प्रयोग करेगा. इस टूल की मदद से किसानों को फसल के प्रकार, खेत के आकार, पानी की उपलब्धता और सड़कों और बाजारों तक पहुंच के बारे में भी विस्तार से जानकारी भी मुहैया कराएगा.
यह भी पढ़ें-हिमाचल-उत्तराखंड में होगी भारी बारिश, पंजाब के लिए IMD ने दी ये खास एडवाइजरी
इस टूल को एंथ्रो एग्रीकल्चर टीम और भारत के डिजिटल एग्रीस्टैक के सहयोग से गूगल क्लाउड पर बनाया गया है. कृषि परिदृश्य जानकारी का उपयोग निंजाकार्ट, स्काईमेट, टीम-अप, आईआईटी बॉम्बे और भारत सरकार द्वारा पहले से ही किया जा रहा है. गूगल का कहना है कि इस टूल का मकसद पूरे देश में व्यक्तिगत कृषि क्षेत्रों को ट्रैक करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करके फसल में सुधार करने के लिए पूंजी और सब्सिडी तक पहुंचने से लेकर किसानों के सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान करना है.
यह भी पढ़ें-लोन माफी के नाम पर इस फर्जीवाड़े से सावधान, आपके खाते से गायब हो सकते हैं पैसे
फसल में सुधार के लिए सरकार ने गूगल के अलावा एआई का भी उपयोग किया है. सरकार ने किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना और अन्य सरकारी पहलों के बारे में पूछताछ करने के लिए कई भाषाओं में एआई ऑपरेटेड चैटबॉट किसान-ई-मित्र की शुरुआत की. कीटों के कारण फसलों के नुकसान की समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) शुरू की गई थी.
यह भी पढ़ें-हरियाणा में टारगेट से आगे निकली DSR तकनीक से धान की बुवाई, 4000 रुपये बोनस दे रही सरकार
फसल से जुड़ी समस्याओं की पहचान करने के लिए सिस्टम एआई और मशीन लर्निंग का प्रयोग करता है. पीआईबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार चावल और गेहूं के लिए फील्ड तस्वीरों और फसल हेल्थ इवैल्युएशन रिपोर्ट का प्रयोग करके एआई एनालिटिक्स का उपयोग करती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today