यूपी के एक किसान ने आत्महत्या कर ली. गन्ने का ₹2 लाख बकाया भुगतान न मिलने, बेटी की स्कूल फीस न भर पाने और बैंक व सरकारी समिति के कर्ज के दबाव से परेशान होकर किसान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की. घटना उत्तर प्रदेश के शामली जिले के झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव पूर्व माफी की है. 50 वर्षीय किसान आजाद का शव उसके ही खेत में खून से लथपथ मिला.
मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे किसान आजाद रोजाना की तरह खेत पर काम करने गए थे. उनके साथ खेत में काम करने वाले दो मजदूर भी थे. नौकर खेत में काम कर रहे थे, जबकि आजाद नलकूप से थोड़ा आगे चले गए. कुछ देर बाद खेत से गोली चलने की आवाज आई, तो नौकर दौड़कर वहां पहुंचे. देखा तो आजाद का शव खून से लथपथ पड़ा था. उनके सीने में गोली लगी थी और पास में एक तमंचा पड़ा था.
मृतक के भाई धर्मेंद्र के अनुसार, आजाद का इस साल का गन्ने का करीब ₹2 लाख भुगतान थानाभवन चीनी मिल पर बकाया था. बकाया भुगतान न मिलने से वह आर्थिक तंगी में था. किसान की बेटी झिंझाना के एक निजी स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ती है, स्कूल प्रशासन ₹40,000 फीस जमा करने का लगातार दबाव बना रहा था.
धर्मेंद्र ने बताया कि आजाद के पास 15 बीघा जमीन थी, जिसमें से कुछ समय पहले उसने 2 बीघा बेच दी थी. बावजूद इसके, वह कर्ज और घर की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा था.
परिजनों के अनुसार, आजाद की पत्नी पिछले एक साल से बीमार चल रही है, लेकिन पैसों की कमी के कारण वह उसका इलाज भी नहीं करा पा रहा थे. इसके अलावा, किसान पर बैंक का करीब ₹3.5 लाख कर्ज और सरकारी समिति पूर्व माफी का ₹1.25 लाख का कर्ज था. कर्ज की वजह से आजाद मानसिक तनाव में था और शराब पीने की आदत बढ़ गई थी.
गोली लगने की सूचना पर सीओ कैराना श्याम सिंह और बाकी जांच टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस को पास से एक तमंचा बरामद हुआ.
इस घटना से गांव में शोक का माहौल है. किसान आजाद के 18 वर्षीय बेटे सिद्धार्थ ने पढ़ाई छोड़कर खेती संभाल ली थी, लेकिन पिता की मौत के बाद परिवार पर और गहरा संकट आ गया है.
(रिपोर्ट- शरद मलिक)
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