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राज्य स्तरीय खरीफ कार्यशाला का हुआ उद्घाटन, खरीफ मौसम की योजनाओं की दी गई जानकारी

राज्य स्तरीय खरीफ कार्यशाला का हुआ उद्घाटन, खरीफ मौसम की योजनाओं की दी गई जानकारी

बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने खरीफ कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक कृषि में बीज की महत्वपूर्ण भूमिका है. राज्य में खरीफ मौसम में किसानों को उचित मूल्य पर गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.

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राज्य स्तरीय खरीफ कार्यशाला का हुआ उद्घाटन राज्य स्तरीय खरीफ कार्यशाला का हुआ उद्घाटन

कृषि विभाग, बामेती, पटना के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय खरीफ कार्यशाला का उद्घाटन बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत द्वारा किया गया, इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी. राजेंद्र के द्वारा की गई. वहीं कृषि मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि गत वर्ष से कृषि विभाग द्वारा विभिन्न फसलों के आच्छादन का आकलन पंचायत स्तर से कृषि समन्वयकों द्वारा बिहान ऐप के माध्यम से किया जा रहा है, जिसे जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा सत्यापित कर अंतिम रूप दिया जाता है. इस वर्ष धान का कुल आच्छादन 35.50 लाख हेक्टेयर, मक्का का 3.35 लाख हेक्टेयर, अरहर का 0.59 लाख हेक्टेयर, मूंग का 0.23 लाख हेक्टेयर जबकि मोटे अनाज में बाजरा का 0.075 लाख हेक्टेयर, ज्वार का 0.06 लाख हेक्टेयर और मड़ुआ का 0.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. धान का निर्धारित आच्छादन क्षेत्र के अनुसार 3.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बिजड़ा गिराने का लक्ष्य रखा गया है.

उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि में बीज की महत्वपूर्ण भूमिका है. राज्य में खरीफ मौसम में किसानों को उचित मूल्य पर गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना अंतर्गत किसानों को 5085.36 क्विंटल धान का बीज 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है. राज्य में प्रमाणित बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. खरीफ सीजन 2023 में फसल विविधता,

पारंपरिक और जलवायु अनुकूल फसलों को बढ़ावा देने और क्षेत्र विस्तार के लिए बीज वितरण कार्यक्रम अन्तर्गत विभिन्न फसलों पर जैसे, धान 76,417 क्विंटल, अरहर 1,062 क्विंटल, सोयाबीन 1,022 क्विंटल, उड़द 292 क्विंटल आदि सहित कुल 81,347.64 क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण 50 प्रतिशत सब्सिडी पर किया जायेगा. बिहार राज्य बीज निगम द्वारा किसानों से बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है, जिसमें होम डिलीवरी भी शामिल है.

उन्होंने कहा कि इस खरीफ मौसम में यूरिया 9.875 लाख मीट्रिक टन, डी.ए.पी 03 लाख मीट्रिक टन, एम.ओ.पी 01 लाख मीट्रिक टन, एन.पी.के 02 लाख मीट्रिक टन और एस.एस.पी 01 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता होगी. वहीं किसानों को समय पर उर्वरकों की उपलब्ध कराने और उचित मूल्य पर उर्वरकों की आपूत्र्ति करने करने के लिए सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा.

कुमार सर्वजीत ने बताया कि जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत गंगा नदी के किनारे राज्य के 13 जिलों पटना, नालंदा, बक्सर, भोजपुर, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, भागलपुर, मुंगेर, कटिहार और खगड़िया में जैविक खेती की जा रही है. इस वित्तीय वर्ष में 19595 एकड़ में जैविक खेती करने के लिए किसानों को जैविक उत्पादन के लिए 6,500 रूपये प्रति एकड़ की दर से अग्रिम सब्सिडी दिया जाएगा. एक किसान अधिकतम 2.5 एकड़ के लिए इस सब्सिडी का लाभ ले सकता है. हरी खाद योजना के अंतर्गत राज्य में गरमा मौसम में 28,000 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए किसानों को बीच पर 90 प्रतिशत सब्सिडी पर ढैंचा बीज वितरण किया जा रहा है.

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उन्होंने आगे बताया कि इस वित्तीय वर्ष में राज्य के प्रत्येक प्रखंड के एक तिहाई पंचायत के सभी ग्रामों से कुल 6 लाख मिट्टी नमूनों के संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. मिट्टी जांच कार्यक्रम का उद्देश्य मिट्टी की जांच कर जांच परिणाम के आधार पर संतुलित मात्रा में उर्वरक के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए कृषि योग्य मिट्टी को स्वस्थ रखना, फसल उपज में वृद्धि लाना और खेती की लागत को कम करना है.

उन्होंने कहा कि राज्य में खरीफ फसल के बेहतर उत्पादन के लिए भूमि संरक्षण निदेशालय और बिहार जलछाजन विकास समिति द्वारा भूमि और जल संरक्षण संबंधित योजनाओं का संचालित किया जायेगा. वहीं सात निश्चय-2 योजना के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिए छोटी-छोटी नदियों से निकलने वाले नाले पर 30 फीट तक का 242 पक्का चेक डैम का निर्माण कराया जायेगा.

कुमार सर्वजीत ने कहा कि खरीफ मौसम में राष्ट्रीय बागवानी मिशन और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के अंतर्गत राज्य में 4315 हेक्टेयर में वैज्ञानिक तरीके से बागवानी करने के लिए फलदार वृक्षों का क्षेत्र विस्तार किया जायेगा. इसके तहत 3000 हेक्टेयर में टिश्यू कल्चर केला, 800 हेक्टेयर में आम, 300 हेक्टेयर में लीची और 200 हेक्टेयर में अमरूद का नया बागान लगाने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर पौध-सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी.

वहीं इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के विशेष सचिव रवीन्द्रनाथ राय, कृषि निदेशक डॉ आलोक रंजन घोष, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, निदेशक पी॰पी॰एम॰ धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक भूमि संरक्षण वेंकटेश नारायण सिंह, निदेशक बसोका सुनील कुमार पंकज, निदेशक बामेती आभांशु सी॰ जैन सहित मुख्यालय और क्षेत्र के अन्य पदाधिकारी और वैज्ञानिक उपस्थित रहे.