स्पाइसेस बोर्ड और CFTRI ने किया एमओयू, नए उत्पादों को विकसित करने में मिलेगी मदद

स्पाइसेस बोर्ड और CFTRI ने किया एमओयू, नए उत्पादों को विकसित करने में मिलेगी मदद

स्पाइसेस बोर्ड इंडिया (Spices Board India) और सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (Central Food Technological Research Institute) ने मसालों के लिए इनक्यूबेशन सुविधाएं स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं...

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स्पाइसेस बोर्ड और CFTRI ने किया एमओयू, नए उत्पादों को विकसित करने में मिलेगी मदद स्पाइसेस बोर्ड और CFTRI ने किया एमओयू, फोटो साभार: आजतक

स्पाइसेस बोर्ड इंडिया (Spices Board India)  और सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (Central Food Technological Research Institute) ने मसालों के लिए इनक्यूबेशन सुविधाएं स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य स्टार्ट-अप, निर्यातकों, एसएमई, उद्यमियों और एफपीओ को मसाला क्षेत्र में नए प्रोसेस और उत्पादों को बनाने में सहायता और मार्गदर्शन करना है. 

इनक्यूबेशन या ऊष्मायन अवधि (Incubation Period) किसी रोगजनक जीव, रसायन या विकिरण (रेडियेशन) से सम्पर्क होने और इस सम्पर्क के कारणवश रोग के प्रथम लक्षण व चिन्ह स्पष्ट होने के बीच की अवधि होती है.

CFTRI, मैसूरु में इनक्यूबेशन सुविधा की स्थापना से मसालों में नए उत्पाद और प्रोसेस का विकास होने के अलावा वैल्यू एडिशन यानी मूल्य संवर्धन के लिए नवाचारों और प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो मसाला एक्सपोर्ट बास्केट में विविधता ला सकते हैं और नए उत्पादों के लिए प्रोसेस को स्टैंडरडाइज यानी मानकीकृत कर सकते हैं. इस पहल से भारतीय मसालों के लिए व्यापार या एक्सपोर्ट के नए अवसर खुलेंगे.

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बोर्ड उत्पाद विकास, विविधीकरण और वैल्यू एडिशन पर ध्यान देने के साथ वैश्विक मसाला व्यापार में भारत के नेतृत्व को बनाए रखने की रणनीति बना रहा है. मसाला बोर्ड के सचिव डी साथियान ने कहा कि CFTRI में मसालों के लिए संयुक्त रूप से स्थापित इनक्यूबेशन सेंटर नए उत्पादों और प्रोसेस को विकसित करने में मदद करेगा.

CFTRI की निदेशक अन्नपूर्णा सिंह ने कहा कि सीएफटीआरआई ने विशेष रूप से मसालों के प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन में प्रौद्योगिकियों का सफलतापूर्वक विकास और ट्रांसफर किया है. पहचाने गए इनक्यूबेट्स को कार्यालय स्थान, तकनीकी सहायता, प्रासंगिक उपकरणों तक पहुंच, प्रयोगशाला सुविधाओं, संसाधनों, ज्ञान स्रोतों आदि के पहलुओं को कवर करते हुए 18 महीने तक सहायता प्रदान की जाएगी.

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बोर्ड ने इनक्यूबेशन अवधि के दौरान प्रति इनक्यूबेटी अधिकतम 10 लाख रुपये के अधीन प्रोजेक्ट की लागत के 90 प्रतिशत की सहायता के साथ इनक्यूबेटियों का समर्थन करने के लिए एक पायलट योजना तैयार की है. इस पायलट प्रोजेक्ट का लक्ष्य साल 2030 तक मसालों के एक्सपोर्ट में $10 बिलियन मूल्य की प्राप्ति प्राप्त करने के इंडस्ट्री के प्रयासों में सहायता के लिए वैल्यू एडिशन और प्रोडक्ट विविधीकरण को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए की गई है.

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