संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की रविवार को दिल्ली में हुई एक बैठक में एक बार फिर किसानों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला लिया गया. इसके लिए बड़ा प्लान तैयार किया गया है. खासतौर पर चुनावी राज्यों में सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का प्लान बनाया गया है. सितंबर से मध्य नवंबर के बीच बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी यात्राएं आयोजित की जाएंगी. जिनका नेतृत्व एसकेएम के राष्ट्रीय नेता करेंगे. यात्रा विशेष रूप से उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जहां विधानसभा चुनाव होंगे, जैसे कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना आदि. दावा है कि यह सत्ताधारी पार्टी को राजनीतिक तौर पर नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले इस निर्णय को मोर्चा के घटक संगठनों के 200 से अधिक किसान नेताओं ने मिलकर लिया है.
इससे पहले एमएसपी गारंटी कानून, कर्ज मुक्ति, किसान और खेत मजदूर पेंशन, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी, किसानों पर झूठे मुकदमों की वापसी, शहीद किसान परिवारों को मुआवजा आदि प्रमुख मुद्दों पर 26 से 31 मई, 2023 के बीच देश के सभी राज्यों में धरना-प्रदर्शन आयोजित करने का फैसला लिया गया. इन प्रदर्शनों में सांसदों और प्रमुख राजनीतिक नेताओं के गृह निर्वाचन क्षेत्रों में बड़े विरोध मार्च निकलना और उन्हें किसानों की सभी मांगों को तुरंत हल करने की चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपना शामिल होगा.
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मोर्चा ने मई, जून और जुलाई में देश के किसानों और खेतिहरों को एकजुट करने के लिए सभी राज्यों में प्रदेश, जिला और तहसील स्तर के सम्मेलन आयोजित करने का एलान किया. साथ ही 1 से 15 अगस्त के बीच श्रमिक संघों और संगठनों के समन्वय से केंद्र सरकार द्वारा किसानों और श्रमिकों के संसाधनों को कारपोरेट के हाथों बिक्री को समाप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने का फैसला भी लिया गया. मोर्चा की ओर से बताया गया है कि 26 नवंबर को, जिस दिन किसानों का ऐतिहासिक दिल्ली चलो मार्च दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचा था, सभी राज्यों की राजधानियों में कम से कम 3 दिन तक दिन-रात धरना लगाकर राष्ट्रव्यापी विजय दिवस मनाया जाएगा.
खेती-किसानी के मसलों के साथ-साथ एसकेएम पहलवानों और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बीच चल रहे विवाद में भी कूद पड़ा है. मोर्चा ने कहा है कि वो भारत की महिला पहलवानों का खुला समर्थन करता है, जो बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठी हैं. एसकेएम खिलाड़ियों के साथ एकजुटता व्यक्त करता है और भाजपा सांसद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करता है.
एसकेएम ने कहा कि वह पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रयोग की निंदा करता है. एसकेएम मलिक की बहादुरी की सराहना करता है और उनके साथ खड़ा है. संगठन ने डाक कर्मचारियों के सबसे पुराने संघ, नेशनल फेडरेशन ऑफ़ पोस्टल एम्प्लॉइज़ और ऑल इंडिया पोस्टल एम्प्लॉइज यूनियन की केंद्र सरकार द्वारा मान्यता रद्द करने की निंदा की. एसकेएम ने आरोप लगाया कि कथित तौर पर इन संगठनों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था और किसान संगठनों को कुछ धनराशि दान की थी. इसलिए उनके साथ ऐसा किया जा रहा है.
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