
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार-प्रसार चरम पर है. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मेवाड़ के दौरे पर रहे. उन्होंने उदयपुर संभाग की सबसे हॉट सीट वल्लभनगर में कांग्रेस प्रत्याशी प्रीति शक्तावत के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और अडानी पर जमकर निशाना साधा.
राहुल गांधी ने कहा यह देश नफरत का नहीं है. मोहब्बत, भाइचारा व इज्जत का देश है. नफरत के बाजार में हमें मोहब्बत की दुकान खोलनी है. देश में बीजेपी बेरोजगारी और महंगाई के कारण नफरत फैला रही है. इन दोनों मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ये लोग नफरत की ओर लेकर जाते है. इनका लक्ष्य गरीबों, आदिवासियों और दलितों को धन से दूर करना है. ये धन केवल अरबपतियों के हाथ में रहे, इनका यही प्रयास रहता है.
राहुल गांधी ने कहा कि हम आपको आदिवासी कहते है, जबकि वो आपको वनवासी कहते हैं. देश की जमीन, जल, जंगल आदिवासियों की होती थी. हमारी सरकार आई तो हम ये तीनों चीजें आपको दे देंगे. आप इस देश के पहले मालिक हो. हम आपको सब अधिकार देंगे, जबकि वनवासियों के कोई अधिकार नहीं होते हैं. वनवासी से वो लोग आपको जानवर समझते हैं.
उन्होंने मध्यप्रदेश पेशाब कांड की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी का विधायक आदिवासी युवा पर पेशाब करता है. वो आदिवासियों की इज्जत नहीं करते. बीजेपी नेताओं के बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ते हैं, जबकि आप लोगों को केवल हिंदी सिखाने पर ही जोर दिया जाता है. क्योंकि उनको पता है कि सबसे अच्छी नौकरियों के लिए अंग्रेजी की जरूरत है. वो चाहते हैं कि आदिवासी केवल जंगल में रहें. जब तक कांग्रेस पार्टी है तब तक आदिवासियों के अधिकारों की हम रक्षा करेंगे. आपको जल, जमीन, जंगल दिलवाएंगे.
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने जातीय जनगणना पर जोर देते जातीय जनगणना कराने का भी आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में हर वर्ग की भागीदारी के लिए देश में जातीय जनगणना की जरूरत है. मालुम चलना चाहिए कि कितना धन किस वर्ग के पास है. जातीय जनगणना देश का एक्सरे है. मैंने ये बात पार्लियामेंट में कहा तो मोदी जी का भाषण बदल गया. वो हर जगह कहते थे कि मैं ओबीसी हूं. मोदी जी कहते हैं कि हिंदुस्तान में एक ही जाति है, वो है गरीब. मैं कहता हूं कि दुसरी जात अमीरों की है.
उन्होंने कहा कि देश को एमएलए और एमपी नहीं चलाते आईएएस चलाते हैं. सरकार को भी 90 आईएसएस चलाते हैं. इन 90 में से हर वर्ग को भागीदीरी मिलनी चाहिए. 90 में से 3 अफसर पिछड़ी जाति के हैं. पिछड़ों की आबादी 50 फीसदी, जबकि अफसर सिर्फ 3. इन 3 का भी बजट पर कोई कंट्रोल नहीं. 90 अफसर तय करते हैं कि किस राज्य को कितना धन जाना चाहिए. अरबपति अडानी और आम आदमी दोनों समान जीएसटी दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना में मोदी सरकार 35 हजार करोड़ उठाके 16 कंपनियों को दे देती है. इन कंपनियों से एक भी पेशा नहीं मिलता.
इस बीच उन्होंने मीडिया पर भी बात करते हुए कहा कि मीडिया को मोदी और अडानी चलाते हैं. किसान और मजदूर टीवी पर नहीं दिखते, जबकि शाहरूख खान, ऐश्वर्या राय और क्रिकेट मैच दिख जाएगा. उत्तराखंड में मजदूर फंसे हैं, लेकिन मीडिया क्रिकेट की बात करती है. मीडिया में केवल पीएम मोदी का चेहरा दिखता है. उन्होंने कहा कि आपकी जेब का हर पेशा अडानी के जेब में जाता है. नरेंद्र मोदी का काम आपका ध्यान ईधर-उधर करने का है, पीछे से अडानी जेब काट देता है. हमारी स्कीम में गरीबों को मदद मिलती है, जबकी मोदी जी की स्कीम में अडानी को फायदा होता है.
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