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Milk Purity Test: अब दूध में मिलावट की आसानी से कर सकेंगे पहचान, NDRI ने विकसित की किट 

Milk Purity Test: अब दूध में मिलावट की आसानी से कर सकेंगे पहचान, NDRI ने विकसित की किट 

दुग्ध दिवस 2023 के मौके पर करनाल के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में दुग्ध प्रदर्शनी का आयोजन हुआ. जिसमें रैपिड टेस्ट किट समेत दुग्ध उत्पादों की विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया गया. रैपिड टेस्ट किट से चंद मिनट में दूध में सॉर्बिटोल रसायन की मिलावट का पता लगाया जा सकता है.  वहीं सॉर्बिटोल का प्रयोग दूध को गाढ़ा करने के लिए होता है.

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रैपिड टेस्ट किट द्वारा अब आसानी से कर सकेंगे दूध में मिलवाट की पहचान रैपिड टेस्ट किट द्वारा अब आसानी से कर सकेंगे दूध में मिलवाट की पहचान

दूध एक स्वस्थ संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. वही 2001 से प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध मनाया जाता है. बीते दिन विश्व दुग्ध दिवस के मौके पर करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में दुग्ध प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ धीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2021-22 में 221 मिलियन टन के वार्षिक दूध उत्पादन के साथ भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो वैश्विक दूध का 24% उत्पादन करता है. उन्होंने बताया कि देश मे प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 444 ग्राम प्रतिदिन है. दूध विटामिन और खनिजों, विशेष रूप से कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है. यह हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. संतुलित आहार के हिस्से के रूप में हमें हर दिन दूध और डेयरी उत्पादों, जैसे दही और पनीर का सेवन करना चाहिए. 

निदेशक ने कहा कि डेयरी क्षेत्र में प्रमुख संस्थान होने के नाते राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने डेरी सेक्टर में अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं और देश को दुग्ध उत्पाद के मामले में नए मुकाम पर पहुंचाया है. डॉ. धीर सिंह ने आगे कहा कि एनडीआरआई ने दूध में अशुद्धियों का पता लगाने और उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला स्वच्छ दूध उपलब्ध कराने के लिए मिलावट किट की एक श्रृंखला भी विकसित की है.

रैपिड टेस्ट किट से पता चलेगा दूध में मिलवाट 

प्रदर्शनी में डेयरी टेक्नोलॉजी छात्रों ने बताया कि दूध में सोर्बिटोल की उपस्थिति का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के वैज्ञानिकों द्वारा एक रैपिड टेस्ट किट विकसित किया गया है. उन्होंने बताया कि सोर्बिटोल नामक रसायन से तरल दूध में मिलावट की खबरें आ रही हैं. दूध में सोर्बिटोल मिलाने का मुख्य कारण इसके सॉलिड-नॉट-फैट सामग्री को धोखे से बढ़ाना है पर इससे दूध के पोषण मूल्य में कमी आती है.

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उन्होंने कहा कि लंबे समय से डेयरी उद्योग दूध में सोर्बिटोल की उपस्थिति का पता लगाने के लिए परीक्षण की मांग की जा रही है. छात्रों ने बताया कि परीक्षण का उपयोग करना बहुत आसान है और इसके लिए किसी उपकरण की भी आवश्यकता नहीं है. इस परीक्षण द्वारा संदिग्ध दूध के नमूनों में सोर्बिटोल की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है. एक रसायन के साथ दूध के नमूने के मिश्रण पर रंग परिवर्तन को देखकर इसे पहचाना जा सकता है. 

मट्ठा प्रोटीन आइसक्रीम जैसे उत्पादों का प्रदर्शन 

गौरतलब है कि प्रदर्शनी में पौष्टिक और स्वस्थ भोजन और चारा उत्पादों के प्रदर्शन और संस्थान के विभिन्न प्रभागों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों की भी पोस्टर प्रदर्शित की गई. इसमें मट्ठा प्रोटीन आइसक्रीम जैसे उत्पादों का प्रदर्शन शामिल रहा, जिसमें बाजार में पारंपरिक रूप से उपलब्ध आइसक्रीम की तुलना में 2.5 गुना अधिक प्रोटीन होता है. 

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अन्य डेयरी उत्पाद जैसे- करक्यूमिन फोर्टिफाइड घी, बाजरा और लस्सी समेत वाणिज्यिक स्तर पर कई उत्पाद प्रदर्शित किये गए. इसके अलावा, पशु आहार के पूरक के रूप में खनिज मिश्रण और दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए साइलेज तैयार करने की तकनीक भी प्रदर्शित की गई.