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Madhya Pradesh: सहकारिता कर्मचारी संघ की हड़ताल 11वें दिन भी जारी, गेहूं खरीद और राशन का काम ठप

Madhya Pradesh: सहकारिता कर्मचारी संघ की हड़ताल 11वें दिन भी जारी, गेहूं खरीद और राशन का काम ठप

मध्य प्रदेश सहकारिता कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि अन्य विभागों में लगे कर्मचारियों का मासिक वेतन निश्चित है और वे भी अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह मेहनत करते हैं. लेकिन इन कर्मचारियों का वेतन अभी तक निश्चित नहीं किया गया है.

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नरसिंहपुर में सहकारिता कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन नरसिंहपुर में सहकारिता कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन

नरसिंगपुर में मध्य प्रदेश सहकारिता कर्मचारी महासंघ और कंप्यूटर ऑपरेटर जिला संघ की हड़ताल जारी है. अपनी कई मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे हैं जिससे किसानों को गेहूं बेचने और खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कतें आ रही हैं. नरसिंहपुर जिले में सभी सहकारिता कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 11वे दिन में प्रवेश कर गई है. कर्मचारियों की कई मांगें हैं जिनमें समान काम और समान वेतन सबसे प्रमुख है. हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि जब वे बाकी कर्मचारियों की तरह काम करते हैं, तो उन्हें वेतन भी उसी हिसाब से मिलना चाहिए. इनकी शिकायत है कि कई बार हड़ताल और प्रदर्शन के बावजूद उनकी मांगें नहीं मानी जा रही हैं. 

हड़ताली कर्मचारियों ने सोमवार को सांकेतिक रूप से मुंडन करा कर विरोध प्रदर्शन किया. इनका कहना है कि जब तक मध्य प्रदेश सरकार इनकी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक इनकी यह हड़ताल बदस्तूर जारी रहेगी. मध्य प्रदेश सहकारिता कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि अन्य विभागों में लगे कर्मचारियों का मासिक वेतन निश्चित है और वे भी अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह मेहनत करते हैं. लेकिन इन कर्मचारियों का वेतन अभी तक निश्चित नहीं किया गया है. 

क्या है कर्मचारियों की मांग

हड़ताल करने वाले कर्मचारियों की मुख्य मांग यही है कि इनका वेतन सुनिश्चित किया जाए, तभी वे काम पर लौटेंगे. अन्यथा इनकी यह हड़ताल जारी रहेगी. अब सहकारिता समिति के इन कर्मचारियों की हड़ताल का असर जिले के किसानों से लेकर उन गरीबों पर भी देखने को मिल रहा है जिनको सरकार के द्वारा मुफ्त राशन मिलता है. सभी अनाज खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेहूं, चना, मसूर की खरीद नहीं हो रही है और न ही गरीबों को राशन मिल रहा है.

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राजकुमार कौरव, जिला अध्यक्ष, सहकारी कर्मचारी संघ नरसिहपुर कहते हैं, हमारी हड़ताल का आज (सोमवार) दसवां दिन है. हमारी प्रमुख मांग है कि हमें कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए क्योंकि पटवारी या ग्राम सेवकों के पास भी 8-10 गांव का भार होता है. वैसे ही हम लोग आदर्श गांव में काम करते हैं तो उन्हीं की तरह हम लोगों का वेतनमान भी होना चाहिए. विरोध में कर्मचारियों ने अपना मुंडन कराया है. इसके पहले भी मांग कर अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया था. कर्मचारियों में सरकार के प्रति नाराजगी है क्योंकि छोटी-छोटी मांगें भी सरकार पूरा नहीं कर रही है. 

गेहूं खरीद और राशन का काम ठप

राजकुमार ने कहा, पीडीएस की सभी राशन दुकान और समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र बंद हैं. सरकार की जो नई योजना कर्जमाफी की है, उसका भी काम नहीं कर रहे हैं. सभी काम ठप हैं, यह अनिश्चितकालीन हड़ताल है, जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं हड़ताल जारी रहेगी.

नरसिंहपुर जिला भारत कृषक समाज के अध्यक्ष पं. मैथिलीशरण तिवारी ने कहा, समिति कर्मचारियों की हड़ताल से किसानों के सामने गंभीर संकट है, जिन किसानों ने अनाज बेचा उनका भुगतान नहीं हो रहा है. जिन्होंने स्लॉट बुक किए और सात दिन में अनाज तुलवाना था, अचानक हड़ताल हो जाने से न अनाज तुलाई हुई और स्लॉट का समय निकल गया. मूंग फसल का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है. 

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मैथिलीशरण तिवारी ने कहा, रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख निकल रही है, जनता को राशन नहीं मिल रहा है. 10 दिन बाद भी प्रदेश की बीजेपी सरकार की ओर से समस्या के समाधान के लिए कोई सकारात्मक पहल न करना किसानों के लिए चिंताजनक है. अब इन सबका कब तक क्या समाधान होगा, यक्ष प्रश्न है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सरकार का ध्यान आकर्षित कर चुके हैं, क्या यही किसान हितैषी सरकार है?