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PM Kisan: गजब! यहां तो रिटायर्ड बाबू भी उठा रहे पीएम किसान स्कीम का पैसा, कैग की रिपोर्ट में खुलासा

PM Kisan: गजब! यहां तो रिटायर्ड बाबू भी उठा रहे पीएम किसान स्कीम का पैसा, कैग की रिपोर्ट में खुलासा

नागालैंड में मृत लोगों और यहां तक कि नौकरी पेशा और रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को भी पीएम किसान स्कीम का पैसा मिल रहा है. कैग की एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. इसमें बताया गया है कि ऐसे कई लोगों के नाम से पैसा जारी हुआ जिनकी मौत हो चुकी है.

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PM Kisan Samman Nidhi Yojana PM Kisan Samman Nidhi Yojana

उत्तर पूर्वी राज्य नागालैंड से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मृत और रिटायर्ड सरकारी बाबू भी पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) का पैसा उठा रहे हैं. नागालैंड से छपने वाले मोरंग एक्सप्रेस में इस बात की रिपोर्ट दी गई है. रिपोर्ट कहती है, मृत व्यक्ति, यहां तक नौकरी के लिए पात्र लोग और रिटायर्ड सरकारी बाबू भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) के लाभार्थी लोगों में दर्ज हैं. कैग की परफॉरमेंस ऑडिट रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.

कैग की एक पड़ताल में पाया गया कि नौकरी वाले 9951 में 662 लोग और कुल 1854 रिटायर्ड कर्मचारियों में 82 बाबू पीएम किसान के लिए रजिस्टर्ड पाए गए हैं. कायदे से इन लोगों को स्कीम का लाभ नहीं मिलना चाहिए क्योंकि ये इसके प्रावधान में फिट नहीं बैठते. कैग की रिपोर्ट कहती है, इस तरह नागालैंड में अपात्र लोगों को भी 1.05 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसमें कई मृत लोगों के नाम भी हैं जिन्हें पीएम किसान का पैसा दिया गया है.

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क्या कहती है रिपोर्ट?

रिपोर्ट में बताया गया है, पीएम किसान की लिस्ट में 108 इनएक्टिव लाभार्थी पाए गए जिनमें 86 की मृत्यु के बारे में पीएम किसान पोर्टल पर जानकारी अपलोड गई थी, जबकि बाकी 22 लोगों की कोई तारीख नहीं मिली. इस तारीख से पता चलता कि लाभार्थी की मृत्यु हो चुकी है. पड़ताल में पता चला कि 43 बैंक खातों में 132 किस्तें ऐसी थीं जिनमें 2.64 लाख रुपये जमा किए जबकि ये लोग जांच में मृत पाए गए.

कैग की रिपोर्ट यह भी बताती है कि जिन लाभार्थियों की मौत हुई, उनकी डिटेल पोर्टल पर अपडेट करने में निधन की तारीख से 25 सेल 868 दिनों का समय लगा जबकि यह काम तुरंत होना चाहिए. यह समय बढ़ा इसलिए मृत लोगों के खाते में भी पीएम किसान स्कीम का पैसा जमा होता रहा.

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कैग की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम किसान 14 बैंक आईएफएससी और बैंक खातों से 28 लाभार्थी जुड़े हुए पाए गए. इनमें से 27 के खाते एक्टिव थे. यानी कि इन लोगों ने पीएम किसान का लगातार पैसा उठाया. इन 28 लाभार्थियों में 24 ऐसे थे जिन्होंने कम से कम एक बार किस्त जरूर उठाई और यह राशि 2.78 लाख रुपये की है. अलग-अलग आईएफएससी कोड वाले 55 बैंक अकाउंट ऐसे मिले जो 110 लाभार्थियों से जुड़े थे और इनमें से 109 लाभार्थी एक्टिव रहे.

फर्जी खातों में पीएम किसान का पैसा ट्रांसफर होने का नागालैंड का अकेला मामला नहीं है. ऐसा कई राज्यों में देखा जा रहा है जहां अपात्र लोग भी पीएम किसान का पैसा उठा रहे हैं. सरकार ने साफ कर दिया है कि जिन अपात्र लोगों ने स्कीम का पैसा लिया है या ले रहे हैं, उनसे रिकवरी की जाएगी. चूंकि यह स्कीम पूरी तरह से केंद्र सरकार की है, इसलिए कार्रवाई भी केंद्र की ओर से की जा रही है. कई किसानों से सरकार ने पीएम किसान के पैसे की रिकवरी की है.