हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ (हैफेड) ने पिछले कटाई के मौसम (अप्रैल-जून) में हरियाणा और मध्य प्रदेश से व्यावसायिक रूप से खरीदे गए 67,363.62 टन गेहूं को बेचने के लिए बोली लगाने के लिए आवेदन मांगा है. इस बार गेहूं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बेचा जाएगा.
वही हैफेड ने अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस में बताया है कि ऑनलाइन बोली/ई-नीलामी एनसीडीईएक्स ई मार्केट्स (एनईएमएल), स्टार एग्रीबाजार टेक्नोलॉजी (एग्रीबाजार) और ई-टेक इनोवेटिव सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के प्लेटफॉर्म के माध्यम से आयोजित की जाएगी.
हैफेड के अनुसार बेची जाने वाली गेहूं की कुल मात्रा में से 26,968.56 टन हरियाणा के फतेहाबाद जिले में अलग-अलग कई जगहों पर है, जबकि बाकी 40,395.06 टन मध्य प्रदेश में बेचा जाएगा, जिसे मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, देवास, विदिशा, गंजबासौदा, सीहोर और भोपाल में स्टॉक कर रखा गया है.
हैफेड का उन गेहूं को बेचने का यह सातवां प्रयास है. इससे पहले 6 बार बोलियां लगाई जा चुकी हैं, लेकिन हैफेड 4 लाख टन से अधिक गेहूं को नहीं बेच पाया है.
कैबिनेट ने पिछले हफ्ते चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को बंद करने और 81वें वित्त वर्ष की अनुमति देने के फैसले के बाद से जनवरी-मार्च माह के दौरान गेहूं की खुली बाजार बिक्री योजना (Open Market Sale Scheme) पर निर्णय लिया है. साथ ही देश के करोड़ों राशन कार्ड लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिसंबर 2023 तक मुफ्त राशन देने का लक्ष्य रखा है.
द हिंदू बिजनेसलाइन में छपी खबर के मुताबिक, एक आटा मिलर ने कहा, “मुख्य मुद्दा वह कीमत होगी जिस पर भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) द्वारा गेहूं बेचा जाएगा, क्योंकि हाल ही में हैफेड के टेंडर में गेहूं 2,443.55 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचा गया था, 2022-23 के लिए केंद्र की गेहूं की आर्थिक लागत 2,588.70 रुपये अनुमानित है.” आटा मिलर ने कहा, "यदि मूल्य नियंत्रण उद्देश्य है, तो पूरे देश में एक समान बिक्री मूल्य होना चाहिए और मिलरों को नामित डिपो से उठाने के लिए कहा जाना चाहिए."
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी से अब तक पूरे भारत में गेहूं की औसत खुदरा कीमतों में 13.4 फीसदी और आटे में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में, केंद्र सरकार ने ओएमएसएस गेहूं नीति की घोषणा की थी जिसके तहत आरक्षित मूल्य निर्धारित किए गए थे- 30 सितंबर तक 2,200 रुपये प्रति क्विंटल और अक्टूबर-दिसंबर के दौरान 2,225 रुपये प्रति क्विंटल. हालांकि, 2022-23 के रबी विपणन सीजन (अप्रैल-मार्च) में गेहूं की खरीद 15 साल के निचले स्तर 187.9 लाख टन तक गिर जाने के बाद, सरकार ने ओएमएसएस को निलंबित कर दिया था.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today