Fish Farming: अब असम में बढ़ेगा मछली उत्पादन, पूरा हुआ केन्द्र सरकार की 16 योजनाओं का काम 

Fish Farming: अब असम में बढ़ेगा मछली उत्पादन, पूरा हुआ केन्द्र सरकार की 16 योजनाओं का काम 

केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला का कहना है कि असम में लाभार्थियों, मछली पालक किसानों और क्षेत्र से जुड़े दूसरे लोगों के लिए पीएमएमएसवाई और केसीसी जैसी योजनाओं को अमल में लाकर समूचे मछली पालन क्षेत्र की खामियों को दूर किया गया है.

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Fish Farming: अब असम में बढ़ेगा मछली उत्पादन, पूरा हुआ केन्द्र सरकार की 16 योजनाओं का काम मछलियों के तालाब का प्रतीकात्मक फोटो.

असम में मछली उत्पादन अब दोगुना हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है. केन्द्र् सरकार की 16 योजनाओं का काम असम में पूरा हो चुका है. फिशरीज एक्सपर्ट की मानें तो ये सभी योजनाएं असम के मछली उत्पादन में मील का पत्थर साबित होंगी. गौरतलब रहे केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला के असम दौरे के बाद लगातार मछली उत्पामदन से जुड़ी योजनाओं की घोषणा हुई थी. केन्द्रीय मंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) स्कीम और नीली क्रांति से जुड़ी सभी योजनाएं असम में परिवर्तन लाएंगी. 

साथ ही उन्होंने प्रमुख रूप से मछली उत्पादन और उत्पादकता (अंतरदेशीय, हिमालयी और शीत जल) बढ़ाने पर भी जोर दिया है. उन्होंने मछली पालन क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं के विकास, मार्केटिंग और निर्यात बढ़ाने की बात भी कही है. पीएमएमएसवाई और केसीसी योजना के लाभार्थियों को भी पूरा फायदा देने की बात कही है. 

आज असम मछली पालन क्षेत्र से जुड़ी तमाम गतिविधियों, उनके उत्पादन और खपत के मामले में तेजी से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है. एक्सपर्ट का कहना है कि तमाम योजनाओं से आमने-सामने हुई बातचीत से मछली पालक किसानों, मछुआरों और अन्य हितधारकों को उनकी समस्याओं के समाधान में काफी मदद मिलेगी. इससे उनकी मछली पालन क्षेत्र की गतिविधियों के विकास में और सुधार लाया जा सकेगा.

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वो 16 योजनाएं जो असम को दी गई हैं-

1 गोलपारा जिले के चुनारी गांव में 19.91 करोड़ रूपये की कुल लागत और केन्द्र की 17.92 करोड़ रूपये की भागीदारी के साथ आधुनिक एकीकृत फिश लैंडिंग सेंटर की स्थापना की गई है.
2 सरकारी फार्म क्षेत्र में एक ब्रूड बैंक की स्थापना.
3 76 नई फ्रेशवाटर फिनफिश हैचरीज का निर्माण.
4 1140 हेक्टेयर क्षेत्र में तालाबों का निर्माण कराकर एक्वाकल्चर क्षेत्र का विस्तार किया गया है.
5 झीलों और नमभूमि के तहत 2410 हेक्टेयर क्षेत्र में फिंगर लिंग्स स्टाकिंग की सुविधा.
6 625 हेक्टेयर क्षेत्र में एकीकृत मछली पालन हेतू सुविधा.
7 सजावटी मछली पालन-पोषण और प्रजनन इकाइयों की 187 इकाइयों की स्थापना की जा रही है.
8 रि-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) के 52 यूनिट और बायोफ्लोक कल्चर सिस्टम (बीसीएस) की 183 यूनिट को मंजूरी दी गई है.
9 रिजर वायर्स में कटघरों के लिये 150 यूनिट की स्थापना की जाएगी.
10 खुले जल संसाधनों में पेन-कल्चर के तहत 210 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा.
11 परंपरागत मछुआरों के लिये उनकी नौकाओं और जाल को बदलने वाली 111 इकाइयों की स्था पना की जाएगी. 
12 नौ कोल्ड स्टोरेज और 92 फीड मिल्स की स्थापना होगी.
13 रेफ्रीजिरेटिड एण्ड इन्सुलेटिड ट्रकों, तिपहिया और दुपहिया वाहनों के 1381 पोस्ट- हारवेस्ट परिवहन वाहनों की उपलब्धता कराई गई है.
14 64 फिश किओस्क स्थापित किए जा रहे हैं.
15 एक रोग निदान और गुणवत्ता परीक्षण लैब का निर्माण.
16 21,000 मछली पालक परिवारों को जीविका और कुपोषसण रोकने में मदद दी गई. 

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प्रोजेक्ट संपूर्ण के तहत दिया गया योजनाओं का लाभ

मंत्रालय की मानें तो प्रोजेक्ट संपूर्ण के तहत असम सरकार से प्राप्त तीन केन्द्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं को भी मत्स्यपालन विभाग ने मंजूरी दी है. प्रोजेक्ट संपूर्ण बोगंईगांव जिले के बच्चों में कुपोषण को कम करने के लिये शुरू की गई एक परियोजना है. इसके अलावा जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालयों में एक्वारियम्स का निर्माण, तथा 238.70 लाख रूपये की कुल लागत से असम फिशरीज रिसोर्स इन्फार्मेशन सिस्टम के विकास उसकी मैपिंग और पहचान के लिये असम फिसरीज रिसोर्सिज एप्लेकेशन आफ जियोस्पाटियल टैक्नालाजी का डिजिटलीकरण किया जाना भी शामिल है.

 

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