बड़े-बड़े तालाब से झींगा पकड़ने के लिए अभी जाल डाला जाता है. कई कर्मचारी मिलकर तालाब में जाल डालते हैं. तब कहीं जाकर घंटों की मेहनत के बाद झींगा पकड़ा जाता है. लेकिन इक्वाडोर में चल रहे एक्वा एक्सपो-2023 में एक खास मशीन लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है. अलग-अलग देशों से आए झींगा पालक इस मशीन को देख रहे हैं. मशीन बनाने वाली कंपनी का कहना है कि यह मशीन तालाब से झींगा पकड़ती है. वो भी बिना किसी जाल की मदद से. इतना ही नहीं झींगा पकड़ने के बाद साइज के हिसाब से उसे अलग-अलग भी करती है.
घंटों का काम मिनटों में हो जाता है. मशीन की कीमत देश के हिसाब से अलग-अलग है. पहली बार ये मशीन एक्सपो में प्रदर्शित की गई है. गौरतलब रहे इस वक्त दुनियाभर के झींगा एक्सपर्ट और कारोबारी इक्वाडोर में इकट्ठा हैं. मौका है एक्वा एक्सपो-2023 का. एक्सपो का विषय है ‘अतिरिक्त उत्पादन, वरदान या श्राप’. इक्वाडोर झींगा का बड़ा उत्पादक देश है.
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एक्वा एक्सपो में जहां झींगा से संबंधित मशीनरी और फीड की बात की जा रही है तो वहीं झींगा को पैक करने वाले मेटेरियल को भी दिखाया गया है. घरेलू सप्लाई और एक्सपोर्ट सप्लाई में इस्तेमाल होने वाले हर तरह के पैकिंग मेटेरियल के बारे में बात की जा रही है. दूसरी ओर झींगा के तालाब पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए तैयार ड्रेस की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. साथ में तालाब के अंदर इस्तेमाल होने वाले इरेटर भी एक्सपो में प्रदर्शित किए जा रहे हैं. गौरतलब रहे इरेटर पानी में मूवमेंट बनाए रखते हैं. जिससे पानी में हलचल रहती है. पानी में लगातार आक्सीजन बनती रहती है.
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एक्वा एक्सपो-2023 में भारत से गए झींगा एक्सेपर्ट और झींगालाला फूड चेन के संचालक डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि एक्सपो में ‘अतिरिक्त उत्पादन, वरदान या श्राप’ विषय पर चर्चा हो रही है. वजह है भारत और इक्वाडोर समेत उन देशों में खलबली मची हुई है जहां झींगा का ठीकठाक उत्पादन होता है. इक्वासडोर और भारत झींगा उत्पादन में पहले और दूसरे नंबर पर हैं. इंटरनेशनल मार्केट में झींगा खरीदारों ने मनमाने रेट और जांच के नाम पर नए नियम थोपना शुरू कर दिया है.
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